हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस अरूप गोस्वामी और जस्टिस पीपी साहू की खण्डपीठ में धरमलाल कौशिक की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में उन्होंने झीरम घाटी घटना की न्यायिक जांच के लिए बनाए गए दूसरे आयोग को रद्द करने की मांग की है। पिछली सुनवाई में 11 मई को हाईकोर्ट ने आयोग की कार्रवाई पर आगामी तिथि तक रोक लगा दी थी। आज इस मामले में हस्तक्षेप याचिका पर रोहरा की तरफ से अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव और मानस बाजपेयी ने कोर्ट में पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान धरम लाल कौशिक की ओर से अधिवक्ता विवेक शर्मा ने राज्य शासन द्वारा प्रस्तुत जवाब का प्रतिउत्तर देने के लिये 10 दिन के समय की मांग की वही हस्तक्षेप याचिका पर आपत्ति जताई। राज्य सरकार की और से प्रस्तुत एडीशनल एजी. चन्द्रेश श्रीवास्तव ने आयोग की कार्रवाई पर स्टे का हवाला देते हुए सुनवाई कि तिथि नियत करने की मांग की। खण्ड पीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 10 अगस्त मामले की अगली सुनवाई तय की है। उस दिन तक शासन के जवाब का प्रतिउत्तर और हस्तक्षेप याचिका पर लिखित आपत्ति याचिका कर्ता के द्वारा प्रस्तुत की जा सकेंगी। अभी तक इस मामले में न्यायिक जांच आयोग की तरफ से कोई अधिवक्ता पेश नहीं हुआ है। जबकि उसे 11 मई को ही नोटिस जारी करने का आदेश हुआ था।