इन सभी वाहन मालिकों के खिलाफ छत्तीसगढ़ गौण खनिज अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
PHOTO : खारुन नदी बना अवैध खनन परिवहन का अवैध ठिकाना
बिलासपुर. जिले में अवैध उत्खनन करने वाले रेत माफियाओं का नया ठिकाना अब खारुन नदी बन गया है। इसके पहले शहर से गुजरने वाले अरपा नदी रेत उत्खनन व परिवहन का ठिकाना रहा है। जिले में शनिवार को खनिज उड़ दस्ते की टीम ने खारुन नदी के तट पर भारी उत्खनन मशीन चार पोकलेन जब्त की गई। इन मशीनों को मौके पर ही सील कर दिया गया है।
IMAGE CREDIT: patrika हालांकि इन मशीनों के चलाने वाले ड्राइवर उडऩ दस्ते की टीम को देखकर मौके से फरार हो गए है। खनिज निरीक्षक उत्तम खूंटे के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई। उडऩ दस्ते की टीम ने नदी के तट से 7 टे्रक्टर एवं एक हाइवा ट्रक भी जब्त किया है। इन सभी वाहन मालिकों के खिलाफ छत्तीसगढ़ गौण खनिज अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
IMAGE CREDIT: patrika जब्त वाहनों के चालकों और मालिकों के पास रेत परिवहन करने का एवं उत्खनन करने का रायल्टी पर्ची व अनुमति नहीं है। जिले में अधिकांश रेत का उत्खनन करने वाले लोग रसूखदार की श्रेणी में है और इनमें से अधिकतर लोगों का सत्तारुढ़ दल के पदाधिकारियों से काफी नजदीक संबंध है। शनिवार को कार्रवाई के दौरान खनिज अधिकारियों के पास सत्तारुढ़ दल के अनेक नेताओं के फोन पहुंचने लगे। कुछ ने पार्टी के कार्यकर्ता होने का हवाला दिया गया।
IMAGE CREDIT: patrika वहीं कुछ लोगों को बताया गया कि निजी उपयोग के लिए रेत परिवहन बताया गया । हालांकि खनिज अधिकारियों ने ऐसे नेताओं के दबाव को अनसूना कर सभी वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई की गई। उनमें से आठ टे्रक्टर, हाइवा ट्रक को कोनी व सरकण्डा थाने पुलिस के हवाले किया गया। जिले में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन का सबसे बड़ा स्थल अरपा नदी है।
IMAGE CREDIT: patrika शहर में इस नदी से रेत उत्खनन प्रतिबंधित होने पर आसपास के ग्राम पंचायतों से अवैध खनन और परिवहन किया जाता है। इसमें ग्राम पंचायतों के सरपंचों और पंचायत सचिवों की अप्रत्यक्ष रुप से सहयोग करने की भूमिका रहती है। खनिज विभाग के पास अमले की समस्या होने पर रेत माफियाओं के खिलाफ लगातार मुहिम नहीं चला पाती। खनिज विभाग के अधिकारी किसी के शिकायतों के आने का इंतजार करती है। इन शिकायतों की जांच में मामला सही पाए जाने पर और राजनीतिक दबाव नहीं होने पर ही कार्रवाई करने का बीड़ा उठाती है।