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सुनो कहानी : बिलासपुर लोकसभा से कांग्रेस के पहले सांसद रहे रेशमलाल ने भाजपा का भी यहीं से खोला था खाता

locationबिलासपुरPublished: Apr 16, 2019 08:47:05 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

उनके पहले स्वर्गीय निरंजन प्रसाद सांसद रहे पर वे जनता पार्टी से थे

jangde

सुनो कहानी : बिलासपुर लोकसभा से कांग्रेस के पहले सांसद रहे रेशमलाल ने भाजपा का भी यहीं से खोला था खाता

आजादी के बाद सन् 1952 में हुए पहले आम चुनाव में जांगड़े को मिली थी सफलता
1957 में दूसरी बार कांगे्रस से चुने गए

बिलासपुर. जिस पूर्व सांसद रेशमलाल जांगड़े के पुत्र हेमचंद ने भाजपा पर उपेक्षा का आरोप लगाकर कांग्रेस प्रवेश किया है। उस पूर्व सांसद पर एक नहीं दो-दो कीर्तिमान है। वे बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पहले सांसद रहे वहीं सन् 1989 के आमचुनाव में उन्होंने बतौर भाजपा सांसद बिलासपुर लोकसभा से ही भाजपा का खाता खोला । हालाकि इसके पहले सन् 1977 में भी जीत हुई थी परंतु उस समय जनता पार्टी से निरंजन प्रसाद केशरवानी जीते थे। आजादी के बाद सन् 1952 में हुए पहले आमचुनाव में पूर्व सांसद रेशमलाल जांगड़े ने कांग्रेस की टिकट पर जीत हासिल की और सांसद बने। इसके बाद सन् 1957 में हुए दूसरे आम चुनाव में भी वे कांग्रेस से सांसद रहे। सन् 1962 में हुए आमचुनाव में पार्टी ने उनकी जगह चंद्रभान को बिलासपुर लोकसभा के लिए चुनाव मैदान में उतारा चंद्रभान सिंह ने जीत हासिल की। फिर 1962 में हुए उपचुनाव में बिलासपुर लोकसभा से निर्दलीय प्रत्याशी सत्यप्रकाश ने जीत दर्ज की। इसके बाद सन् 1967 में कांग्रेस के सरदार अमर सिंह सहगल और सन् 1971 में कांग्रेस के पंडित रामगोपाल तिवारी बिलासपुर लोकसभा से सांसद रहे। सन् 1977 के आमचुनाव में जनता पार्टी से स्वर्गीय निरंजन प्रसाद केशरवानी बिलासपुर लोकसभा से चुनाव जीतकर सांसद बने। इसके बाद सन् 1980 में यहां से कांग्रेस के गोदिल प्रसाद अनुरागी और 1984 में कांग्रेस के खेलनराम जांगड़े यहां से सांसद बने। सन् 1989 में भारतीय जनता पार्टी से रेशमलाल जांगड़े ने यहां से भाजपा का खाता खोला और सांसद बने।
भाजपा ने लगातार मेरे पिता, मेरी और मेरे परिवार की लगातार उपेक्षा की। मेरे पिता का अपमान किया, सन् 1914 में जब मेरे पिता रेशमलाल की मौत हुई तो भाजपा से कोई भी नेता नहीं आया। बिलाईगढ़ में मेरे पिता की प्रतिमा लगाने और उनके नाम पर स्कूल, कॉलेज का नामकरण करने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से गुहार लगाई उन्होंने ध्यान नहीं दिया। दुख तब और बढ़ गया जब विकास यात्रा के दौरान यहां बिलासपुर पहुंचे मुख्यमंत्री ने पार्टी के लिए योगदान देने वाले दिवंगत नेताओं का नाम लिया परंतु मेरे पिता का नाम नहीं लिया ये पार्टी शुरू से दलित विरोधी रही है इसलिए मैने पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस में प्रवेश कर लिया है।
हेमचंद जांगड़े, पूर्व सांसद रेशमलाल जांगड़े के पुत्र
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