भाजपा ने लगातार मेरे पिता, मेरी और मेरे परिवार की लगातार उपेक्षा की। मेरे पिता का अपमान किया, सन् 1914 में जब मेरे पिता रेशमलाल की मौत हुई तो भाजपा से कोई भी नेता नहीं आया। बिलाईगढ़ में मेरे पिता की प्रतिमा लगाने और उनके नाम पर स्कूल, कॉलेज का नामकरण करने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से गुहार लगाई उन्होंने ध्यान नहीं दिया। दुख तब और बढ़ गया जब विकास यात्रा के दौरान यहां बिलासपुर पहुंचे मुख्यमंत्री ने पार्टी के लिए योगदान देने वाले दिवंगत नेताओं का नाम लिया परंतु मेरे पिता का नाम नहीं लिया ये पार्टी शुरू से दलित विरोधी रही है इसलिए मैने पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस में प्रवेश कर लिया है।
हेमचंद जांगड़े, पूर्व सांसद रेशमलाल जांगड़े के पुत्र