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दिन को अमूल्य समय समझकर अच्छे कार्य करें

locationबिलासपुरPublished: May 23, 2018 02:24:16 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

गुजराती जैन समाज भवन टिकरापारा में जैन मुनि पंथक प्रवचन के माध्यम से श्रावक-श्राविकाओं को आध्यात्मिक ज्ञान दे रहे है।

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दिन को अमूल्य समय समझकर अच्छे कार्य करें

बिलासपुर . जब कोई व्यक्ति हृदय पूर्वक कोई वस्तु या मटेरियल लेता है तो वह गिफ्ट बन जाता है। यदि कोई व्यक्ति कोई उपहार देता है चाहे वह मूल्यवान नहीं भी हो। लेकिन यदि उसके देने का भाव को समझोगे तब उस उपहार को देने वाले का भाव समझ पाएंगे। उसी तरह से 24 घंटे एक दिन होता है। जिसे भगवान का दिया अमूल्य तोहफा समझना चाहिए। क्योंकि उस पूरे दिन में आप बहुत से अच्छे कार्य कर सकते हो। बस अपने मन में यह भाव रखना चाहिए कि यह दिन अमूल्य तोहफा है जो भगवान ने दिया है। यह बातें मंगलवार की सुबह जैन मुनि पंथक ने गुजराती जैन समाज के श्रावक-श्राविकाओं से कही। गुजराती जैन समाज भवन टिकरापारा में जैन मुनि पंथक प्रवचन के माध्यम से श्रावक-श्राविकाओं को आध्यात्मिक ज्ञान दे रहे है। मंगलवार को मुनि ने दिन को भगवान का तोहफा बताते हुए उसके विषय में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि कोई दैविक शक्ति ने आपको आज का दिन दिया है। सुबह उठाया, उसका अहसास कराया है कि आज के दिन में आपकी मौजूदगी महत्वपूर्ण है, हमें इस 24 घंटे का उस दिव्य शक्ति का, भगवान को हृदय पूर्वक सरल भाव से धन्यवाद देना चाहिए। यदि ऐसा अनुभव करते है तो आपको लगेगा कि ये आज का सबसे अच्छा तोहफा मिला है। इसका सही उपयोग करना चाहिए। कोई अभी इस बेहतरीन गिफ्ट को ठुकराता है तो वह वास्तव में गिफ्ट देने वाले को ठुकराता है। ऐसे में माना जाएगा कि भगवान के तोहफे को ठुकराकर आप उन्हें अपमानित कर रहे हैं। इसलिए दिन को अमूल्य समझ कर अच्छे कार्य करते हुए गुजारें। ऐसा हर दिन को समझेंगे तो जीवन में दुखी नहीं होंगे और हमेशा ही सुखी रहेंगे।
अमरेश जैन ने बताया कि सुबह की गोचरी मुनि की उषा शाह परिवार एवं दोपहर में आहारचर्या वंदना कीर्ति तेजाणी, करिश्मा आतिश देसाई परिवार को लाभ मिला। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहे।

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