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कोविड 19 एवं आर्थिक मंदी के चलते विभागों के तिमाही व सालाना खर्च की सीमा घटाई

locationबिलासपुरPublished: May 12, 2020 09:14:19 pm

Submitted by:

GANESH VISHWAKARMA

कोविड-19 एवं सामान्य आर्थिक मंदी से राज्य की राजस्व आय में कमी आई है।

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Big order, around 2800 ATM of country will not be put in 2000 rs notes

बिलासपुर .कोविड-19 एवं सामान्य आर्थिक मंदी से राज्य की राजस्व आय में कमी आई है। वर्तमान समय में आर्थिक गतविधियों के सुचारू रूप से संचालन के लिए संपूर्ण वित्तीय वर्ष में राजस्व आय में संभावित कमी को देखते हुए चालू वित्तीय वर्ष की तिमाही में खर्च की सीमाओं का पुनर्निर्धारण किया गया है।
यह आदेश अपर मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने जारी किया है। बजट आवंटन 2020-21 में विभागों को बजट आवंटन किया गया है। इसमें पहले खर्च करने की व्यय सीमा पहले तिमाही में 25 प्रतिशत रखा गया था । अब उसे घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी तरह दूसरी तिमाही में 15 खर्च करने का अधिकार रहा उसे अब 10 फीसदी , तृतीय तिमाही में 25 प्रतिशत खर्च करने की सीमा को घटाकर 20 फीसदी एवं चतुर्थ तिमाही में खर्च करने की सीमा 35 फीसदी से घटाकर 30 फीसदी कर दिया गया है। इस तरह से सालाना बजट का खर्च सीमा सौ से घटाकर 70 प्रतिशत किया गया है।
खर्च सीमा बढ़ाने प्रस्ताव जरूरी
वित्तीय वर्ष की प्रथम छमाही में व्यय सीमा कुल बजट प्रावधान के 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी । विभाग द्वारा अति आवश्यक होने की स्थिति में इस व्यय सीमा में शिथिलता हेतु औचित्य सहित प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रस्तुत करना होगा । वित्तीय वर्ष के अंतिम माह अर्थात् मार्च में व्यय की अधिकतम सीमा कुल बजट प्रावधान के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी ।
निर्माणाधीन को प्राथमिकता
निर्माण विभागों सहित जिन विभागों के वर्ष 2020- 21 के बजट में पूंजीगत व्यय मद में व्यय हेतु प्रावधान किए गए हैं । उनमें से विभागों द्वारा कार्यों की अत्यावश्यकता के आधार पर प्राथमिकता तय की जाए । विभागों द्वारा यथासंभव निर्माणाधीन कार्यो को पूर्ण करने को प्राथमिकता दी जाए । नवीन कार्यों के अति आवश्यक होने की स्थिति में प्राथमिकता के आधार पर ही उनको वित्तीय अधिकारों के प्रत्यायोजन के अनुसार स्वीकृति हेतु विचार किया जाए । जिन नवीन मद कार्यों की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रेषित किया जाना है । उनको विभाग द्वारा मंत्री के प्रशासनिक अनुमोदन से प्राथमिकता तय करने के उपरांत ही प्रस्तुत किया जाए ।
समय सीमा 30 तक बढ़ाई
सभी विभागाध्यक्ष, बजट नियंत्रण अधिकारियों द्वारा अपने अधीनस्थ आहरण एवं संवितरण अधिकारियों जिला एवं अन्य कार्यालयों सहित को बजट का पुनआर्ववंटन कर ई . कोष के सर्वर में प्रविष्टि 26 अपै्रल तक समय सीमा निर्धारित थी । तालाबंदी के कारण इस प्रक्रिया में कतिपय कार्यालयों को बजट आवंटन समय पर न हो पाने को ध्यान में रखते हुए इस समय सीमा में वृद्धि करते हुए 30 मई तक निर्धारित किया गया है ।
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