बता दें कि लॉकडाउन के दौरान कोर्ट बंद होने से जूनियर वकीलों के सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। जरूरतमंद अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता पहुंचाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है।
शुक्रवार को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली डीबी में मामले की पुनः सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य विधिज्ञ परिषद के अधिवक्ता सौरभ पांडे ने कोर्ट को बताया कि परिषद की ओर से राज्य शासन, महाधिवक्ता से चर्चा कर योजना तैयार की गई है। इसके अलावा अधिवक्ता कल्याण ट्रस्टी कमेटी भी फंड दे सकती है। ट्रस्टी कमेटी इस संबंध में निर्णय लेगी।
राज्य विधिक परिषद ने निर्णय लिया है कि 10 दिन में सामान्य फंड से जमा राशि का 20 प्रतिशत वकीलों को दिया जाएगा जो कि 87 लाख 67 हजार 533 रुपए एवं एफडी से 2 करोड़ 67 लाख 27 हजार 302 रुपए है।
परिषद के जवाब पर अधिवक्ता संदीप दुबे ने कोर्ट को बताया कि उनकी अधिवक्ता कल्याण ट्रस्ट कमेटी के चेयरमैन एवं विधि मंत्री मोहम्मद अकबर के साथ बैठक हुई है जिसमें उन्होंने सीएम के निर्देश पर कहा कि अगर बार काउंसिल ट्रस्टी कमेटी के सदस्य राजी होते हैं तो ट्रस्ट समिति के पास जमा 4 करोड़ अधिवक्ता सहायता के लिए तुरंत जारी किए जाएंगे। कोर्ट ने इस कथन को अपने ऑर्डर में लेते हुए कहा कि सभी पक्षकार ट्रस्टी कमेटी व महाधिवक्ता के साथ बैठक कर इस मुद्दे को आपसी सहमति से सुलझाएं एवं जरूरतमंद वकीलों को ज्यादा से ज्यादा मदद की जाए।