सीजे अजय कुमार त्रिपाठी एवं जस्टिस पीपी साहू की युगलपीठ ने बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि शासन को स्पष्ट शब्दों में दिशा- निर्देश जारी कर कहा दोबारा ऐसी स्थिति निर्मित ना हो। सभी स्कूलों में वितरण की व्यवस्था दुरुस्त करें। अन्यथा दोबारा मामला दायर होने के बाद अवमाना की कार्यवाही की जाएगी। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिका निराकृत कर दी। स्कूल संचालकों की मनमानी और गणवेश तथा कापी-किताब एवं अन्य पठन सामग्री में गड़बड़ी और शिक्षा के अधिकार का पालन नहीं करने पर भिलाई के सीवी भगवंत राव ने जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया कि निजी स्कूलों को 25 प्रतिशत सीट गरीबी रेखा से नीचे के छात्रों के लिए आरक्षित रखना है।
साथ ही इसकी जानकारी आनलाइन पोर्टल पर जारी करनी है। इसके साथ ही बच्चों को ड्रेस और पठन सामग्रियों का मुफ्त में वितरण करना है। उक्त नियम के बावजूद स्कूल संचालक छात्रों को महज 6 सौ रुपए देकर बरी हो जा रहे थे। मामले की पिछली सुनवाई में कोर्ट के दिशा-निर्देश के बावजूद इसका पालन नहीं किया जा रहा था। याचिकाकर्ता राव ने इसके खिलाफ अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर के माध्यम से याचिका लगाई। याचिका पर सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने शासन को दिशा-निर्देश देकर याचिका निराकृत कर दी।