रतनपुर करौहापारा का शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला भवन काफी पुराना हो चुका है। बावजूद इसके बच्चों की क्लास यहां लग रही है। कई बार भवन का मरम्मत कार्य कर काम चलाया जा रहा है।
जिले में लगभग 154 स्कूल जर्जर
शिक्षा विभाग से मिले आकड़ों की ही बात की जाए तो जिले में लगभग जर्जर भवनों की संख्या 154 है। इन जर्जर भवनों में क्लास न लगने की बात अधिकारी कहते रहते है। लेकिन जर्जर भवन को भी मरम्मत कर काम चलाया जा रहा है इसकी पोल क रौहापारा की घटना ने खोल दी।पिछले साल ही हुआ था मरम्मत
बीईओ व स्कूल की प्राचार्य ने बताया कि स्कूल की हालत को जर्जर देखते हुए पिछले साल ही छत की मरम्मत करवाई गई थी। लेकिन उसके बाद यह घटना अचानक से कैसे हो गई किसी को समझ नहीं आया।
नई बिल्डिंग की मांग की जा चुकी है
स्कूल की बिल्डिंग काफी पुरानी है पिछले साल ही इसकी मरम्मत कराई गई थी। डीईओ व बीईओ को कई बार स्कूल की जर्जर भवन की सूचना देकर नई बिल्डिंग की मांग की जा चुकी है। बावजूद इसके जिला शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया इसके चलते यह हादसा हो गया।
़ममता मिश्रा, प्राचार्य शा.र्पू.मा शाला करौहापारा रतनपुर
बिल्डिंग बहुत पुरानी है
-घटना के बाद स्कूल प्रबंधन से जानकारी ली गई तो पता चला बिल्डिंग काफी पुरानी(Big accident at school) हो चुकी थी। स्कूल मरम्मत योग्य है या नहीं इसका मूल्याकंन निर्माण विभाग (Many children wounded)को करना है। उन्होंने ऐसा क्यो नहीं किया यह पता नहीं। जांच के बाद अधिकारियों को सूचित किया जाएगा।
एमएल पटेल, खंड शिक्षा अधिकारी कोटा ब्लॉक