9 नवंबर को जारी होगी पटाखों को लेकर गाइड-लाइन, सीएम बोले- अभी प्रतिबंध पर विचार नहीं किया गया
मरवाही के चुनाव परिणाम यदि खिलाफ में गये तो कांग्रेस की सरकार पर कोई खतरा नहीं है लेकिन इसके कई नेताओं का भविष्य जरूर दांव पर लगा है। चुनाव के बाद निगम, मंडल, आयोगों में नियुक्ति की सूची फिर जारी होगी। बिलासपुर व कोरबा जिले के दूसरे क्रम के नेताओं को अलग-अलग सेक्टर पर जिम्मेदारी दे दी गई है जिसमें उन्हें अपनी पार्टी को बढ़त दिलानी होगी। इनमें कई विधायक, पूर्व विधायक व प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी शामिल हैं। जाहिर है उनके सेक्टर में कांग्रेस को बढ़त मिली तो पार्टी उन्हें पुरस्कृत करेगी।निजी स्कूल की मनमानी फिर शुरू, फीस नहीं देने वाले 200 बच्चों को क्लास से किया बाहर
भाजपा के नेता यह मानकर चल रहे हैं कि एक सीट मरवाही के जीतने से सरकार नहीं बन सकती लेकिन वे कांग्रेस को बड़ी जीत से रोकने के लिए के फील्ड में कड़ी मेहनत किए। राजनीतिक पंडितों की माने तो जोगी कांग्रेस के मैदान में नहीं रहने से उसके वोटों का बिखराव होगा। कांग्रेस को शत प्रतिशत वोट नहीं मिलने वाला है। मतदान के चार दिन पहले भाजपा और जोगी कांग्रेस एक होकर चुनाव लड़ने की कोशिश की इससे जोगी कांग्रेस को फायदा मिले न मिले लेकिन भाजपा नेता कह रहे हैं इससे उनका वोट बैंक जरूर बढ़ जाएगा।मरवाही उप चुनाव कांग्रेस के अनेक मायने
प्रदेश में दो तिहाई बहुमत वाली कांग्रेस के लिए मरवाही का चुनाव इसलिये महत्व रखता है कि वे जोगी के गढ़ पर कब्जा कर प्रदेश को ही नहीं बल्कि हाईकमान को संदेश दे सकें। इसमें सीधे सीधे पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रतिष्ठा जुड़ गई है। दूसरी तरफ पिछले चुनाव में बुरी तरह पराजित भाजपा का अभियान सामूहिक है। चुनाव जीतने पर वह और आक्रामक होगी और भविष्य में पार्टी का जनाधार वापस हासिल करने में मदद मिलेगी।