scriptउबड़-खाबड़ रास्ते भी नहीं रोक पाए भक्तों की आस्था को, पग-पग में नाप दिया मां महामाया तक का सफर | Mass of devotees in Maa Mahamaya temple in Bilaspur | Patrika News

उबड़-खाबड़ रास्ते भी नहीं रोक पाए भक्तों की आस्था को, पग-पग में नाप दिया मां महामाया तक का सफर

locationबिलासपुरPublished: Oct 05, 2019 09:06:00 pm

Submitted by:

Kajal Kiran Kashyap

मध्यरात्रि में मां महामाया के दर्शन करने पहुंचे सैकड़ों श्रद्धालु
 

नवरात्रि पर इस देवी मंदिर में दौड़ी-दौड़ी जाती हैं कुंवारी लड़कियां, मिलता है सौभाग्य, भगवान शिव ने स्वयं कौमारी शक्ति पीठ का दिया था नाम

नवरात्रि पर इस देवी मंदिर में दौड़ी-दौड़ी जाती हैं कुंवारी लड़कियां, मिलता है सौभाग्य, भगवान शिव ने स्वयं कौमारी शक्ति पीठ का दिया था नाम

बिलासपुर. मां महामाया मंदिर में भक्तों की आस्था का जन सैलाब सप्तमी की मध्यरात्रि को शनिवार को देखने को मिला। माता के जयकारे लगाते रात भर पग-पग में २५ किलो मीटर का रास्ता तय कर दिया। इस बार भक्तों के लिए पैदल यात्रा का सफर कठिन रहा लेकिन उबड़-खाबड़ रास्ते भी श्रद्धालुओं को नहीं रोक पाए। मां महामाया का जयकारा लगाते हुए दर्शन की इच्छा से रात भर पैदल चकर माता के दरबार पहुंचे। शनिवार को महासप्तमी के अवसर पर भक्तों का रेला मां महामाया के दर्शन के लिए पैदल ही निकल गया। भक्तों की आस्था से लंबी दूरी सीमट गई और भक्तों ने माता के दरबार में पहुंचकर पूजा की। माता के दरबार में आस्था का जनसैलाब पहुंचा। मान्यतानुसार महासप्तमी को माता के दर्शन व पूजन से भक्तों के जीवन के दुख दूर होते है। इसी मान्यता के चलते सैकड़ों भक्त माता के दर्शन के लिए मां महामाया मंदिर तक पैदल ही निकले। महिला, पुरुषों के अलावा बच्चे भी माता के दरबार में पैदल पहुंचे। रात भर मंदिर में माता के दर्शन पूजन कर मनोरथ पूर्ण करने की कामना करते रहे। मंदिर समिति की ओर से रात भर मंदिर खुला रहा। जिसमें भक्त दर्शन करने पहुंचते रहे।
रास्ते भर रहा मेले सा माहौल

मां महामाया के दरबार में जाने के लिए कोनी रतनपुर मार्ग में मेले सा माहौल देखने को मिला। मां महामाया चौक, लोधीपारा, कोनी, सेंदरी, गतौरी, रानीगांव होते हुए भक्त मां महामाया के दरबार पहुंचे। सैकड़ों की संख्या में भक्तों का रेला माता के दरबार जयकार लगाते भजन गाते पहुंचा।
पैदल यात्रियों व व्रतियों की लोगों ने की सेवा

रास्ते भर पैदल यात्रियों की आस्था को देखकर लोगों ने स्टॉल लगाकर सेवा की। कोई व्रतियों को चाय देता रहा तो किसी ने फल देकर व्रतियों की सेवा की। वहीं व्रतियों के लिए फलहारी व्यंजन व प्रसाद की भी व्यवस्था जगह-जगह की गई।
समिति ने की व्यवस्था

मंदिर समिति की ओर से पैदल यात्रियों के दर्शन की व्यवस्था के अलावा नि:शुल्क भोग प्रसाद की व्यवस्था की गई। इसके साथ ही पैदल यात्रियों के लिए वापस आने नि:शुल्क बस उपलब्ध कराया गया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो