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जिस सीट को विधानसभा में कांग्रेस जीती थी उसे भी हार गए, आठ में से सिर्फ एक में लीड

locationबिलासपुरPublished: May 26, 2019 10:04:54 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

राजनीति समीकरण: लोकसभा चुनाव में मतदाताओं ने लिया यू-टर्न
 

Congress bhawan

जिस सीट को विधानसभा में कांग्रेस जीती थी उसे भी हार गए, आठ में से सिर्फ एक में लीड

बिलासपुर. जिस सीट को विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जीती थी। उसे लोकसभा में हार गई है। एक तरफ से कांग्रेस के लिए मंथन का विषय यह है कि बिलासपुर व तखतपुर से कांग्रेस का विधायक होने के बाद भी यहां से लोकसभा में हार का सामना करना पड़ा। वहीं लोकसभा के 8 सीट में से केवल एक सीट पर कांग्रेस को जीत हासिल हुई है। बिलासपुर लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में 23 अप्रैल को वोटिग हुई थी, जिसमें क्षेत्र के कुल 18 लाख 75 हजार 904 वोटरों में से 64.36 फीसदी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा के सत्ता को पलट दिया था। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार शैलेश पांडे ने भाजपा के कद्दावर नेता अमर अग्रवाल को 11 हजार मतों से हरा दिया था। तखतपुर में भी कांग्रेस प्रत्याशी रश्मि सिंह ने भाजपा से 2700 मतों से जीत दर्ज की थी। वहीं जोगी कांग्रेस दिग्गज नेताओं को कांग्रेस में शामिल किया गया था जिसका लाभ कांग्रेस को नहीं मिल पाई। रिकार्ड मतों से हार के बाद कांग्रेस नेता शांत हो गए हैं। बिलासपुर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अरुण साव ने शानदार जीत हासिल की है। अटल श्रीवास्तव को 1 लाख 41 हजार 763 वोटों से करारी हार का सामना करना पडा़ है। इस चुनाव में साव को 6 लाख 34 हजार 559 वोट मिले, जबकि अटल को 4 लाख 92 हजार 796 वोट हासिल हुए। इसमें अगर विधानसभावार जांच की जाए तो सबसे अधिक मतों से बिलासपुर विधानसभा से हार हुई है। यहां अटल को 47 हजार 723 वोट मिलें, जबकि साव को 88 हजार 207 मत मिलें।
केवल मस्तूरी से अटल ने जीत दर्ज की
मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र से अटल को 77 हजार 801 मत मिले, जबकि साव को यहां से 71 हजार 717 वोट ही मिले। यहां से कांग्रेस प्रत्याशी ने भाजपा को 6 हजार 084 मतों से हराया है। इस तरह केवल मस्तूरी में ही अटल की जीत हुई। बाकी सभी 7 विधानसभा में करारी हार झेलनी पड़ी।
भूपेश की मेहनत व राहुल की सभा काम न आई
इस सीट को जितवाने के लिए सीएम भूपेश बघेल ने एड़ी-चोटी एक कर दी थी। राहुल गांधी तक की सभाएं आयोजित की गई थी। भूपेश किसी तरह का कोई चांस नहीं लेना चाह रहे थे, इसके लिए उन्होंने जकांछ के कई दिग्गज नेताओं को भी कांग्रेस प्रवेश कराया था। लेकिन इन जगहों पर कोई खास कारनामा कांग्रेस नहीं कर पाई। इन सभी जगहों में करारी हार झेलना पड़ा। कोटा विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार अटल को थोड़ा राहत यह मिली कि यहां से वे मात्र 2 हजार 491 मतों से हारे। इसके बाद सभी विधानसभा में हार का 20 हजार से अधिक है।
कांग्रेस की सबसे बड़ी हार
* बिलासपुर विधानसभा में कांग्रेस विधायक को 67896 वोट मिले थे, वहीं भाजपा नेता अमर अग्रवाल को 11 हजार 200 से हाराकर जीत हासिल की । वहीं लोकसभा प्रत्याशाी अटल श्रीवास्तव को 47723 वहीं भाजपा के अरुण साव 88207 कांग्रेस यहां से 40484 वोट से हार का सामना करना पड़ा है।
* तखतपुर विधायक रश्मि सिंह को विधानसभा में 52616 वोट मिले थे। वहीं जोगी के संतोष कौशिक को 2700 मतों से पराजित की थी। लोकसभा में कांग्रेस को 60564 वोट मिले हैं। यहां से तीसरे नम्बर पर रहे भाजपा को लोकसभा में 82565 वोट मिले। इस तरह भाजपा ने 22001 वोट से कांग्रेस को हराया है। संतोष कौशिक को कांग्रेस में शामिल करना काम नही आया।
* बेलतरा विधानसभा में कांग्रेस के राजेन्द्र साहू को 43342 वोट मिले थे। इस सीट से 5 हजार वोट से कांग्रेस को हार मिली थी। इस सीट को जीतने के लिए जोगी कांग्रेस के अनिल टाह को शामिल किया गया। लोकसभा में यहां से कांग्रेस को 56306 भाजपा को 77500 वोट मिले हैं। विधानसभा से ज्यादा लोकसभा में कांग्रेस को हार मिली है।
* मस्तूरी विधानसभा में कांग्रेस को 53620 वोट मिले थे। विधानसभा में भाजपा के डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने चुनाव जीता था। इस लोकसभा सीट से बसपा का प्रत्याशी खड़ा होने के बावजूद इस सीट को कांग्रेस 6084 से जीत हासिल की है। मस्तूरी में कांग्रेस को 77801 भाजपा को 71717 वोट मिले हैं।
* बिल्हा विधानसभा में कांग्रेस को 57907 वोट मिले थे। भाजपा के धरमलाल लगभग 27 हजार वोट से जीते थे। लोकसभा में कांग्रेस को 80188 हजार तो भाजपा को 90521 मत मिले हैं। वोट खींचने सियाराम को कांग्रेस ज्वाइन कराया गया था। लेकिन सफलता नहीं मिल पाई।
* कोटा विधानसभा में कांग्रेस को 30803 वोट मिला था वहीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 63621 वोट मिले हैं वहीं भाजपा को 66112 मत मिले हैं। यहां से कांग्रेस को 2491मत से हार का सामना करना पड़ा है।
* लोरमी विधानसभा में कांग्रेस को 16669 वोट मिला था वहीं लोकसभा में 50075 वोट पड़ा भाजपा को 71081 जोगी कांग्रेस का चुनाव मैदान में नहीं होने का फायदा कांग्रेस नहीं उठा पाई्र।
* मुंगेली विधानसभा में कांग्रेस को 51982 वोट मिला था, वहीं लोकसभा में कांग्रेस को 55907 वोट और भाजपा को 85565 मिले हैं। जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी को कांग्रेस में शामिल कराया गया जिसका लाभ नहीं मिला।
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