इसको देखते हुए सोमवार को एमसीआइ की टीम सिम्स पहुंची। तीन सदस्यीय टीम ने सबसे पहले अस्पताल बिल्डिंग का निरीक्षण कर मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया। इसके बाद कालेेज बिल्डिंग में सिम्स के सभी डाक्टरों की फाइल और दस्तावेजों की जांच की। शाम सात बजे एमसीआई की टीम सिम्स के वरिष्ठ डाक्टरों के साथ बैठक ली।
सिम्स में ये हैं कमियां…
– सिटी स्कैन मशीन और एमआरआई की सुविधा नहीं है।
– प्रोफेसर, सह प्रध्याापक और सहायक प्राध्यापक की कमी है।
– नर्सिंग स्टाफ और वार्ड ब्वाय की कमी।
– सिम्स परिसर में जगह की कमी होने के कारण विस्तारीकरण बंद है।
– डाक्टरों और स्टाफ के लिए क्वार्टर की सुविधा नहीं है।
– अत्याधुनिक एक्स – रे मशीन नहीं है, लिथोट्र्रीप्सी मशीन बंद
– एमबीबीएस के छात्र छात्राओं के लिए हास्टल की व्यवस्था पर्याप्त नहीं है।
– खेल मैदान की कमी
– सिटी स्कैन मशीन और एमआरआई की सुविधा नहीं है।
– प्रोफेसर, सह प्रध्याापक और सहायक प्राध्यापक की कमी है।
– नर्सिंग स्टाफ और वार्ड ब्वाय की कमी।
– सिम्स परिसर में जगह की कमी होने के कारण विस्तारीकरण बंद है।
– डाक्टरों और स्टाफ के लिए क्वार्टर की सुविधा नहीं है।
– अत्याधुनिक एक्स – रे मशीन नहीं है, लिथोट्र्रीप्सी मशीन बंद
– एमबीबीएस के छात्र छात्राओं के लिए हास्टल की व्यवस्था पर्याप्त नहीं है।
– खेल मैदान की कमी
इन कमियों को सिम्स ने पूरा किया ….
-650 बेड में 100 बेड बढ़ाकर 750 किया
– सिटी स्कैन एमआरआई की खरीदी के लिए टेंडर हो गया है।
– प्रोफेसर ,सह प्रध्यापक ,सहायक प्राध्यापक व नर्सों की भर्ती के लिए शासन को पत्र लिखा गया है।
– एमआरडी को कम्प्यूटराइज्ड कर दिया गया है।
– फेकल्टी की कमियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
– हड्डी रोग विभाग में महिला पुरुष को इंजेक्शन देने के लिए अलग अगल रूम बनाया गया है।
-650 बेड में 100 बेड बढ़ाकर 750 किया
– सिटी स्कैन एमआरआई की खरीदी के लिए टेंडर हो गया है।
– प्रोफेसर ,सह प्रध्यापक ,सहायक प्राध्यापक व नर्सों की भर्ती के लिए शासन को पत्र लिखा गया है।
– एमआरडी को कम्प्यूटराइज्ड कर दिया गया है।
– फेकल्टी की कमियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
– हड्डी रोग विभाग में महिला पुरुष को इंजेक्शन देने के लिए अलग अगल रूम बनाया गया है।