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सिम्स का निरीक्षण करने पहुंची एमसीआई की टीम, टीम के आने से पहले ही सतर्क हो गया था सिम्स प्रबंधन

locationबिलासपुरPublished: May 20, 2019 01:15:09 pm

Submitted by:

Murari Soni

आधुनिक वार्ड तैयार कर दिया गया और अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्थ कर दिया गया था

MCI team in CIMS Bilaspur Chhattisgarh

सिम्स का निरीक्षण करने पहुंची एमसीआई की टीम, टीम के आने से पहले ही सतर्क हो गया था सिम्स प्रबंधन

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) के तीसरे माले पर चार अलग अलग सौ बिस्तर के वार्ड तैयार हो गए हैं। इन वार्डों को पूरी तरह से आधुनिक बनाया गया है। हर वार्ड में एसी और पंखे लगाए गए हैं। मरीज व परिजन को ऊपर चढऩे में दिक्कतें न हों, इसके लिए लिफ्ट भी लगाई गई है। सेंट्रल गैस आक्सीजन के लिए चारों वार्ड में पाइप लाइन का विस्तार हो गया है। चारों वार्ड में लगभग 150 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। सारी कवायदें सिम्स प्रशासन द्वारा एमसीआई की टीम आने पहले कर दी गईं। सोमवार को एमसीआई की टीम सिम्स पहुंची और सिम्स का निरीक्षण शुरु किया। दोपहर तक टीम अलग-अलग वार्डों, सुविधाओं को देख रही थी।

प्रसूताओं को एसी में शिफ्ट किया:
सिम्स का नया वार्ड तीसरी मंजिल पर है। ऊपरी मंजिल में वार्ड होने के कारण गर्मी अधिक पड़ेगी, इसलिए हर वार्ड में एसी और पंखे की व्यवस्था की गई है। अन्य वार्ड में ऐसी व्यवस्था नहीं है। 18 एसी लगे हैं और 18 एसी आचार सहिता हटने के बाद लगेगे, इसलिए सिर्फ दो वार्ड में ही मरीजों को शिफ्ट किया गया है।
नए वार्ड में मरीज से मिलने के लिए आने वाले परिजनों से चप्पल जूते बाहर उतरवा लिए जाएंगे। जूते- चप्पल रखने के लिए बाक्स रखे जाएंगे। मेन गेट में तीन शिफ्ट में गार्ड बैठाया जाएगा। मरीज के साथ एक अटेंडर रहेगा, मिलने के लिए अन्दर एक ही व्यक्ति को जाने दिया जाएगा। नए वार्ड की सफाई मशीन से होगी अन्य वार्ड की तरह झाडू पोंछा नहीं होगा। इसके लिए अलग से कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं।
गैस पाइप का कनेक्शन पूरा होने के बाद चारों वार्ड में कार्डियेटर व वेंटीलेटर भी रखा जाएगा, ताकि गंभीर मरीजों का इलाज यहां हो सके। सिम्स का नए वार्ड को मिलाकर अब 200 बेड का मेडिसीन विभाग हो गया है। वहीं न्यू फिमेल वार्ड को खाली कर गायनिक विभाग में जोड़ दिया गया है। गायनिक विभाग 69 बेड का था, जिसमें 22 बेड और हो गया।
बिल्डिंग का निर्माण लोक निर्माण विभाग ने किया है। सिम्स प्रबंधन ने सेंट्रल आक्सीजन के लिए 49 लाख रुपए पिछले 6 महीने पहले दिया है, लेकिन लोक निर्माण विभाग की लापरवाही के कारण काम पूरा नहीं हो पाया है। इसके कारण सिम्स प्रबंधन ने बिल्डिंग को हैंडओवर में नहीं लिया है।
एमसीआई की रिक्वारमेंट के हिसाब से सिम्स में 750 बेड हो गया है। एमसीआई की टीम हर बार बेड और स्टाफ की कमियां गिनाकर वापस हो जाती है। सिम्स प्रबंधन ने बेड तो पूरी कर ली इस्ट्रक्चर और स्टाफ की कमियां शेष हैं।
एमसीआई की टीम आने की संभावना स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को सात दिन पहले से हो गई थी।
स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर सिम्स प्रशासन ने व्यवस्था सुधारने की कवायद शुरू कर दी थी। स्वास्थ्य मंत्री को पता चला कि सिम्स की बर्न यूनिट, आईसीयू सहित अन्य जगहों की एसी और कूलर खराब हैं, जिससे एमसीआई फिर से आपत्ति कर सकती है। तब स्वास्थ्य मंत्री ने सिम्स को अपने मद से 20 कूलर और 8 एसी खरीदकर दिए हैं। जिसे जरूरत के हिसाब से वार्डो में लगाया जा रहा है।
सौ बिस्तर वाले वार्ड पूरी तरह से तैयार हो गए हैं, दो वार्ड में मरीज भी भर्ती किए जा चुके हैं। कुछ वार्डों में काम शेष है, उसे भी जल्द पूरा किया जाएगा। नए वार्ड पूरी तरह से आधुनिक हैं। सभी कमरों में एसी और पंखे लगाए गए हैं।
डॉ. पंकज टेम्भुनिकर,
सिम्स प्रभारी अस्पताल अधीक्षक सिम्स

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