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रेलवे स्टेशन पर मानसिक रोगी ने मचाया उत्पात, मानसिक रुप से बीमार व्यक्ति बच्चों को लेकर ट्रैन के नीचे बैठ गया, कई ट्रेनें हुई प्रभावित

locationबिलासपुरPublished: Jun 07, 2019 11:54:12 am

Submitted by:

Murari Soni

कहां गईं संवेदनाएं, मानसिक रुप से बीमार एक व्यक्ति को अस्पताल से भगा दिया गया

Mental patient committed Ruckus at railway station in Bilaspur

रेलवे स्टेशन पर मानसिक रोगी ने मचाया उत्पात, मानसिक रुप से बीमार व्यक्ति बच्चों को लेकर ट्रैन के नीचे बैठ गया, कई ट्रेनें हुई प्रभावित

बिलासपुर. मानसिक रोगी का उत्पात गुरुवार को गतौरा से लेकर बिलासपुर तक चलता रहा। गतौरा रेलवे स्टेशन में ओएचई ब्रेक डाउन कर मानसिक रोगी को उतारा गया तो वह बच्ची के साथ बिलासपुर पहुंच गया और राजधानी एक्सप्रेस के पावर जनरेटर कार के नीचे अपनी 6 वर्षीय बेटी के साथ बैठ गया।
आरपीएफ के जवानों ने किसी तरह मानसिक रोगी को बाहर निकाला और दोनों पिता-पुत्री को राज्य मानसिक केन्द्र भेजा गया। कहा यह जा रहा है कि मानसिक रोगी को राज्य मानसिक चिकित्सालय के चिकित्सकों ने यह कह कर रखने से मना कर दिया कि वह बिना सीजीएम कोर्ट के आदेश बिना नहीं रख रखते है। इस पर आरपीएफ के जवान मानसिक रोगी व उसकी बच्चों की मानसिक चिकित्सालय के सामने छोड़ कर आ गए।
फिलहाल अब वो लोग कहां है इसकी जानकारी नहीं है। आरपीएफ से मिली जानकारी के अनुसार सुबह करीब 11 बजे आरपीएफ जवानों को सूचना मिली की एक मानसिक रोगी गतौरा रेलवे स्टेशन के पास खड़ी कोयले से भरी मालगाडी में चढ़ गया है।
वह ओएचई तार को पकडऩे का प्रयास कर रहा है। सूचना के बाद आरपीएफ के जवान व ओएचई विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंच गए। ओएचई को पावर सप्लाई बंद कर किसी तरह मानसिक रोगी व उसकी 6 वर्षीय बेटी को उतारा गया। उसके बाद मालगाड़ी को आगे बढ़ाया गया। मानसिक रोगी को आरपीएफ के जवान वहीं छोड़ गए। इसके बाद किसी ट्रेन में सवार होकर मानसिक रोगी बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंच गया और व प्लेटफॉर्म नं. 7 में खड़ी राजधानी एक्सप्रेस के जनरेटर कार के नीचे बच्ची के साथ जाकर बैठ गया।
इसके बाद रेलवे अधिकारियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में आरपीएफ के जवान मौके पर पहुंचे और भारी मशक्कत के बाद मानसिक रोगी व बच्ची को बाहर निकाला और फिर राजधानी एक्सप्रेस 15 मिनट विलम्ब से रवाना हुई। मानसिक रोगी व बच्ची की को किसी प्रकार सुरक्षित किया जा सके इस मंशा से आरपीएफ के जवानों ने पिता-पुत्री को लेकर राज्य मानसिक चिकित्साल सेंदरी लेकर पहुंचे। लेकिन मौजूद चिकित्सकों ने मानसिक रोगी को बिना कोर्ट आदेश रखने से इंकार कर दिया।
हाईकोर्ट का आदेश
हाईकोर्ट ने मानसिक रोगियों को लेकर पूर्व में गाईड लाइन जारी की थी कि अगर कोई आम जन भी मानसिक रूप से कमजोर मरीज को लेकर मानसिक चिकित्सालय पहुंचा है तो उसे तत्काल भर्ती करना है उसका उपचार नि: शुल्क करना व स्वास्थ्य होने पर पुनवार्स की व्यवस्था करनी है।
मानसिक रोगी व उनकी बच्ची को राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी उपचार के लिए जवान लेकर गए थे। वहा मौजूद चिकित्सकों ने कहा हम किसी को भी भर्ती नहीं कर सकते। उपचार के लिए दाखिल करवाना है तो पहले सीजेएम कोर्ट का आदेश लेकर आइए फिर मरीज को भर्ती करेंगे।
दिलीप बस्तिया, पोस्ट प्रभारी आरपीएफ
आरपीएफ के जवान मानसिक रोगी को लेकर चिकित्सालय पहुंचे थे ऐसी कोई जानकारी नहीं है। अगर मानसिक रोगी व उनकी बच्ची को चिकित्सालय के सामने ही छोड़ा गया है तो खोजने का आदेश दिया जाएगा। कोर्ट की गाईड लाइन में पुलिस को चिकित्सक के सुपुर्द करने से तक मानसिक रोगी को अभिरक्षा में रखने का अधिकार है।
बीआर नंदा, राज्य मानसिक चिकित्सालय प्रभारी
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