बिलासपुर

मोबाइल की बातें तोड़ रहीं जिदंगी के रिश्ते, समझाइश से कई घरों में फिर लौटी मुस्कान

वर्ष 2018 में 1369 मामले आए थे। इनमें 299 समझौता हो गया जबकि 379 मामले खारिज हो गए।

बिलासपुरMar 07, 2019 / 09:09 pm

Amil Shrivas

मोबाइल की बातें तोड़ रहीं जिदंगी के रिश्ते, समझाइश से कई घरों में फिर लौटी मुस्कान

बिलासपुर. एक परिवार बसाने के लिए कई रिश्तों की भूमिका होती है। लेकिन उसी परिवार को बिखरने के लिए शक की एक चिंगारी या शराब की लत ही काफी है। यह कहना है उन दम्पतियों का जो परिवार परामर्श केन्द्र की काउंसिलिग के बाद दुबारा अपना गृहस्थ जीवन राजी खुशी से शुरू कर रहे हैं।
महिला थाने में चलने वाले परिवार परामर्श केन्द्र में वर्ष 2018 में 1369 मामले आए थे। इनमें 299 समझौता हो गया जबकि 379 मामले खारिज हो गए। महिला परामर्श केन्द्र में आने वाले अधिकांश मामलों की जांच पड़ताल की गई तो झगड़े की वजह चौंकाने वाली निकली। वजह है मोबाइल और टीवी सीरियल और एक दूसरी वजह शराब। मोबाइल और टीवी सीरियल ने कई घर को तोड़ दिया तो कई घर को शराब ने बर्बाद कर दिया। महिला हो या पुरुष दोनों ही परिवार परामर्श केन्द्र में जब अपनी परेशानी बताते हैं, तो मामले की काउंसलिंग करने वालों का भी चिंतित होने लगते हैं कि यह भी विवाद की वजह हो सकती है, लेकिन आज कल मोबाइल व टीवी सीरियल ने पति पत्नी के बीच रिश्तों की नींव को हिला रखा है। पत्नी अगर फोन पर किसी से हंस कर बात कर रही हो तो पति को लगता है कि उसका किसी और से संबंध है। इसके अलावा पति पत्नी के बीच झगड़े की वजह शराब है। परिवार न बिखरे और पति पत्नी अपना दाम्पत्य जीवन राजी खुशी से यापन करे इसके लिए पुलिस व काउंसलर तरह-तरह से प्रयास करते हैं।
36 मामले ऐसे इसमें दी गई कानूनी सलाह
महिला परिवार परामर्श केन्द्र में 36 मामले ऐसे भी आए हैं, इसमें पति व पत्नी एक साथ रहने को तैयार ही नहीं है। वह किसी भी क ीमत पर एक दूसरे को अपनाना ही नहीं चाहते ऐसे परिवार को कानूनी सलाह दी गई है।
CASE 1 –
रजनी देवी (बदला हुआ नाम ) साल भर पहले मै किसी से भी हंस कर बात करती थी तो मेरे पति को लगता था कि मेरा चरित्र खराब है। इस बात को लेकर पति शराब पीकर आता और दोनों के बीच विवाद होता था। परिवार परामर्श केन्द्र में समझाइश के बाद घर अच्छे से चल रहा है।
CASE 2 –
राजेन्द्र कुमार (बदला हुआ नाम) ने बताया कि टीवी पर ऐसे सीरियल आते हैं, जिन्हें देख कर लगता है कि ऐसा भी हो सकता है। समझाइश के बाद समझ में आया ऐसा कुछ नहीं है।
परिवार परामर्श के न्द्र में ज्यादा तर जो मामले आते है वह शंका के होते है। इसकी सबसे बड़ी वजह मोबाइल फोन और टीवी पर आने वाले सीरियल है जो लोगों को इतना आकर्षित करते है कि हर किसी को उनके साथ होने वाली घटना अपनी घटना लगती है और वह उससे अटैच हो जाते है और यही से शुरु होती है परिवार में विवाद की स्थिति। हमारी प्राथमिकता परिवार को जोडने की होती है जितना हो सके प्रयास भी करते है।
आमना खान, काउंसल महिला परामर्श केन्द्र
थाने में जो भी शिकायत आती है उनका मनोवैज्ञानिक तरीके से समाधान करने की कोशिश करते है।अधिकांश मामले ऐसे होते है इसमें पति शराब पीकर पत्नी से मारपीट करता। जो विवाद की वजह बनती है। तो कुछ ऐसे भी मामले आते है इसमें झगड़े का कारण सब्जी में नमक कम है तो कोई इस कारण विवाद करता है उसकी पत्नी टीवी व मोबाइल के आगे उसकी बात ही नहीं सुनती। सभी को समझाइश दी जाती है।
ममता शर्मा, महिला थाना प्रभारी

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