उन्होंने कहा कि वह समय गया जब स्कूली शिक्षा के बाद छात्रों के पास केवल 3 ही ऑपशन हुआ करते थे। पहला जिस विषय में ज्यादा नंबर आते थे छात्र उसी में करियर चुन लेता था, दूसरा माता-पिता जिस फील्ड में हैं उसे भी उसी फील्ड का विषय पढऩे के लिए बोल दिया जाता था और तीसरा ऑपशन यह था कि दोस्त जिस विषय को लेकर करियर तलाश रहा है उसे ले लिया जाए। लेकिन अब देश बदल गया है ढेरों करियर ऑपशन हैं। आज प्रत्येक छात्र के हाथ में मोबाइल है, आवश्यकता है कि छात्र उसका गलत इस्तेमाल न करें और टेक्नालॉजी का सही उपयोग कर उससे अपना करियर तलाश सकते हैं। इंसानों की जगह रोबोर्ट रिप्लेश हो रहे हैं इसलिए छात्र अपना स्किल बढ़ाएं।