अपहरण करने वाले एक युवक की तस्वीर २० अप्रैल की रात करीब साढ़े ७ बजे से ८ बजकर १४ मिनट तक मोबाइल पर बातें करते सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी। साइबर सेल की टीम पुराना बस स्टैण्ड में लगे मोबाइल टॉवरों में डंप हुए नंबरों को खंगाल रही है। सूत्रों के अनुसार विराट के अपहरण से पूर्व पुराना बस स्टैण्ड क्षेत्र में करीब २२ हजार मोबाइलों से लोग बातें कर रहे थे। साइबर सेल की टीम और पुलिस आरोपी का मोबाइल नंबर का सुराग नहीं लगा पाए हैं।
अपहरण के आरोपियों को ढूंढने बालोद, रायगढ़, महासमुंद, धमतरी और बिलासपुर के पुलिस अधिकारी और कर्मचारियोंकी अलग-अलग टीमें बनाई गई थी। एएसपी, डीएसपी, टीआई , हवलदार और आरक्षक समेत ८४० पुलिस कर्मियों की टीम, रायपुर, महासमुंद, बालोद, अंबिकापुर , रायगढ़, समेत कई जिलों में भेजी गई थी। बुधवार को सभी टीमें बैरंग लौट आई।
चुनाव आचार संहिता के दौरान जिले से बाहर जाने वाले मार्गों पर नाकेबंदी के बावजूद अपहरण की वारदात को अंजाम दिया गया है। पुलिस की नाक के नीचे से बच्चों को ले जाने वाले आरोपियों ने घटना को अंजाम देने से पहले विराट के घर के आसपास की रेकी की थी। साथ ही भागने के लिए पहले से रास्ते ढूंढ निकाले थे। यही कारण है कि अपहरण करने वाले पुलिस से दो कदम आगे चल रहे हैं।
अपहरण करने वाले आरोपियों को विराट और उसके परिवार की पूरी जानकारी देने वाले राजदार की तलाश पुलिस कर रही है। परिजनों और उनके रिश्तेदारों से पूछताछ में पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। वहीं पुलिस अब विराट के घर के आसपास के मकानों मकानों में काम करने वाली महिलाओं पर संदेह व्यक्त कर रही है। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने कामकाजी एक महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
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