बीजेपी सांसद अरुण साव, सुनील सोनी, विजय बघेल, मोहन मंडावी और गोमती साय ने केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री तोमर से मुलाकात में कहा कि केंद्र सरकार ग्राम पंचायतों के मूलभूत आवश्यकताओं की पूॢत हेतु वित्त राशि उपलब्ध कराती है, किन्तु राज्य सरकार उक्त राशि से भी ग्राम पंचायतों को वंचित कर रही है। राज्य सरकार ने 14वें वित्त आयोग की राशि का उपयोग क्वारंटीन सेंटरों और गौठान में खर्च की है। सांसदों ने मांग की है कि उक्त राशि को राज्य सरकार वापस करें, ताकि इस राशि का उपयोग अपने मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए खर्च कर सकें।
सांसदों ने कहा कि छत्तीसगढ़ के गांवों में विकास के जो भी कार्य हो रहे हैं, वह केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत मनरेगा एवं अन्य योजनाओं की राशि से ही हो रहे हैं। राज्य सरकार का इसमें एक भी रुपए का योगदान नहीं है। राज्य सरकार मनरेगा सहित अन्य केन्द्रीय योजनाओं की राशि में भारी अनियमितता कर अपनी योजनाओं के क्रियान्वयन में लगा रही है। भारत सरकार की योजनाओं की राशि का समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। मनरेगा की राशि नियमत: ग्राम पंचायत एवं ग्राम सभा द्वारा प्रस्तावित
कार्यों पर ही खर्च किया जाना है।
कार्यों पर ही खर्च किया जाना है।
सांसदों ने कहा कि देश में मोदी सरकार बनने के बाद गरीबों को छत देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना बनाई, लेकिन छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार इस योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्यांश नहीं दे रही है। इससे नए आवास स्वीकृत नहीं हो रहे हैं। इस योजना से राज्य की जनता वंचित हो रही है। सांसदों ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से भी राज्य के किसानों को वंचित करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। किसानों को इस योजना का लाभ मिल सके, इस दिशा में उपाय किए जाने की आवश्यकता है।