ये है रिपोर्ट में – स्थानीय निकाय द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले शपथ पत्र में बताया गया है कि सभी 25 पानी टँकियों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का कार्य प्रगति पर है। 20 प्लंबर, 5 इलेक्ट्रीशियन, 4 सब इंजीनियर, 8 असिस्टेंट इंजीनियर समेत 100 स्टाफ की भर्ती के लिए प्रस्ताव भेजा जा रहा है। यहां के पीएचई के लैब को अपग्रेड कर मान्यता देने नई दिल्ली गुडग़ांव के एनएबीएल मुख्यालय को पत्र भेजा गया है कि वे यहां प्रशिक्षण की व्यवस्था करें। नाले-नालियों के अंदर से गुजर रहे पाइप लाइन को दुरुस्त कराया जा रहा है, अभी तक करीब 10 किलोमीटर पाइप लाइन को नाले-नालियों से बाहर कराया जा चुका है, करीब 9 किलोमीटर शेष है, जिसे अमृत मिशन के तहत कराया जाना है, 96 करोड़ की लागत से बिछाई जाने वाली डिस्ट्रीब्यूशन लाइन में ही इसके लिए प्रावधान किया गया है, इस कार्य को कराने के लिए अमृत मिशन के नोडल अधिकारी को रिमाइंडर भेजा गया है।
पीएचई के लैब पर न्यायमित्र ने की थी टिप्पणी – बताया जाता है हाईकोर्ट के निर्देश पर न्यायमित्र ने पीएचई के लैब का निरीक्षण कर जो रिपोर्ट प्रस्तुत की है उसमे पीएचई के लैब को धूल धूसरित और गंदा बताया गया है। इसके अलावा स्टाफ के टोंटे को लेकर भी टिप्पणी की गई है इतना बड़ा लैब केवल एक डेलीवेजस केमिस्ट के भरोसे संचालित है।
3 से 5 गुना बढ़ोतरी के बाद भी नहीं आया सुधार – 463 पंपों और 25 पानी टंकियों के जरिए शहरवासियों को पानी की आपूर्ति करने वाले निगम प्रशासन के पास एक प्लंबर तक नहीं है। जल आपूर्ति व्यवस्था में सुधार और व्यय अधिक होने का हवाला देकर परिषद ने जलकर में तीन से पांच गुना तक बढ़ोतरी तो कर दी लेकिन व्यवस्था में सुधार आज तक नहीं आ सका।