नागरिक आपूर्ति निगम में 36 हजार करोड़ के घोटाले को लेकर हाईकोर्ट में एनजीओ हमर संगवारी, अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव व वीरेंद्र पांडेय की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है। मांग की गई है कि इतने बड़े घोटाले की जांच सीबीआई या अन्य किसी समर्थ एजेंसी से कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इस पूरे प्रकरण में 27 लोगों को आरोपी बनाया गया था, बाद में कुछ लोगों को छोड़ दिया गया है।
कोर्ट द्वारा तत्कालीन राज्य शासन से इस संबंध में पूछे जाने पर जवाब देकर बताया गया है कि इसमें किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। काम व्यवस्थित तरीके से हुआ है। इस पर याचिकाकर्ताओं द्वारा विरोध जताते हुए तत्कालीन सीएम रमन समेत तत्कालीन कई बड़े मंत्रियों के शामिल होने का आरोप लगाते हुए मामले की जांच सीबीआई या किसी समर्थ एजेंसी से जांच कराए जाने की मांग की गई है।
2018 विधासभा मेनिफेस्टो को चुनौती, हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से एक सप्ताह में मांगा जवाब बिलासपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 के दूसरे चरण में राजनैतिक पार्टियों के घोषणापत्र को लोक-लुभावन और गुमराह करने वाला बताते हुए दायर की गई चुनाव याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। प्रकरण की सुनवाई के बाद कोर्ट ने भारत भूमि पार्टी के प्रत्याशी व याचिकाकर्ता को प्रकरण से संबंधित दस्तावेज एक सप्ताह में पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई समर वेकेशन के बाद होगी।
बता दें कि प्रदेश में 2018 का विधानसभा चुनाव दो चरणों में संपन्न हुआ था। पहले चरण में बस्तर संभाग की 18 सीटों व दूसरे चरण में 72 सीटों के लिए चुनाव हुए थे। चुनाव से पहले सभी राजनैतिक पार्टियों ने अपना घोषणापत्र जारी किया था। कोटा विधानसभा सीट से जनता कांग्रेस जोगी की उम्मीदवार रेणु जोगी थी व उनके खिलाफ भारत भूमि पार्टी के प्रत्याशी शंभू प्रसाद शर्मा मैदान में थे। चुनाव में उनकी पराजय हुई। चुनाव परिणआम जारी होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर शिकायत की है कि जनता कांग्रेस जोगी समेत सभी राजनैतिक पार्टियों के चुनावी घोषणा पत्र लोक-लुभावन और लोगों को गुमराह करने वाला है। इसमें सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन किया गया है। घोषणा पत्र मतदाताओं को जागरुक करने वाला होना चाहिए ना कि उन्हें लुभाने वाला। याचिकाकर्ता की मांग है कि सुको की गाइडलाइन के अनुसार घोषापत्र नहीं होने के कारण दूसरे दौर के सभी 72 प्रत्याशियों का निर्वाचन निरस्त किया जाए।
पुसौर नहर निर्माण की याचिका पर सुनवाई टली बिलासपुर. पुसौर नहर निर्माण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को होने वाली सुनवाई टल गई है। मामले की आगामी सुनवाई अब समर वेकेशन के बाद होगी।
रायगढ़ के पुसौर में जल संसाधन द्वारा बनाई जाने वाली नहर निर्माण के खिलाफ जनहित याचिका लगाई गई है। बोधराम सिदार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जल संसाधन विभाग पर आरोप लगाया है कि नहर की बेस लाइन सीधी नहीं है, बल्कि इसे तिरछा बनाया जा रहा है। इस प्रकार का निर्माण होने से पानी का बहाव प्रभावित होगा और जरुरतमंदों को पानी नहीं मिल पाएगी। जल समस्या विकराल है, जल संसाधन विभाग को इस संबंध में आवेदन देने के बाद भी निर्माण कार्य तिरछी बेसलाइन के आधार पर ही कर रहे हैं। कोर्ट इस पर अविलंब रोक लगाए और विभाग को उचित दिशा-निर्देश जारी करे।