अक्सर यह देखा जाता है कि मरीज किसी गंभीर बीमारी के लिए दूसरे प्रदेश के अस्पताल जाता है, लेकिन कई दफा मरीज अपने इलाज से सम्बंधित पूरे कागजात नहीं ले जा पाते हैं, कुछ मरीज ऐसे भी होते है जो अपनी बीमारी के बारे में पूरी जानकारी तक डाक्टर को नहीं बता पाते हैं। ऐसे में मरीज का सही उपचार करने में चिकित्सको को भी परेशानी होती है। वही अब इस तरह की परेशानी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन योजना (Digital Health Mission) का पिछले 15 अगस्त को किया गया। वही अब इस योजना के तहत जिले के लोगों का भी यूनिक हेल्थ कार्ड बनाना शुरू कर दिया गया है। इसमे जिला अस्पताल पहुचने वाले मरीजों का यूनिक आईडी बनाकर बीमारी से सम्बंधित जानकारी तैयार कर दिए जा यूनिक आईडी में अपलोड किया जा रहा है। इसके बाद यह पूरे देश के सरकारी के साथ निजी अस्पताल में काम कर करेगा। जिसके लिए साफ्टवेयर भी तैयार हो चुका है। जिसे देश के हर असपताल में वितरित किया जाएगा। जिसके माध्यम से हर अस्पताल में एक क्लिक से मरीज की केस हिस्ट्री जानकर स्तरीय व सटीक इलाज संभव हो सकेगा।
ऐसे काम करेगा यूनिक कार्ड ..
नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत एक यूनिक डिजिटल हेल्थ कार्ड (Digital Health Mission) दिया जाएगा, जो एक तरह का पहचान पत्र होगा। ये आधार जैसा ही होगा, जिसका 14 अंकों का रैंडम तरीके से जनरेट किया एक नंबर होगा। इसके जरिए किसी भी मरीज की निजी मेडिकल हिस्ट्री पता चल सकेगी। यह कार्ड आधार के जरिए भी बनाया जा सकेगा और सिर्फ मोबाइल नंबर से भी बनाया जा सकेगा। इसका सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि अगर आप देश के किसी भी कोने में इलाज के लिए जाएंगे तो आपको कोई जांच रिपोर्ट या पर्ची आदि नहीं ले जानी होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि आपकी सारी जानकारी हेल्थ कार्ड में मौजूद होगी।
नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत एक यूनिक डिजिटल हेल्थ (Digital Health Mission) कार्ड दिया जाएगा, जो एक तरह का पहचान पत्र होगा। ये आधार जैसा ही होगा, जिसका 14 अंकों का रैंडम तरीके से जनरेट किया एक नंबर होगा। इसके जरिए किसी भी मरीज की निजी मेडिकल हिस्ट्री पता चल सकेगी।
– गिरीश देवांगन आयुष्मान योजना समन्वयक