आयोग की पहली सुनवाई मंगलवार को बिलासपुर सर्किट हाउस में शुरू हुई और 15 मिनट में खत्म हो गई। इस दौरान कांग्रेस नेता जितेंद्र मुदलियार, निखिल द्विवेदी की तरफ से अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव और अधिवक्ता देवेंद्र प्रताप सिंह ने शपथपत्र के साथ वकालनामा प्रस्तुत किया। वहीं, राज्य शासन की ओर से अधिवक्ता सुदीप अग्रवाल ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि और जो लोग भी शपथपत्र देना चाहते हैं, सुनवाई के दौरान दे सकते हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन ने करीब पांच माह पहले दो सदस्यीय रिटायर्ड जस्टिस सुनील अग्निहोत्री और जस्टिस मिन्हाजुद्दीन के न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था। आयोग को छह महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपना था। लेकिन, आयोग के गठन के साथ ही सुनवाई की प्रक्रिया में ही पांच माह निकल गए।
ये 3 नए बिंदु जांच में शामिल नए आयोग की सुनवाई में पूर्व में जारी जांच के बिंदुओं के के साथ ही तीन नए बिंदुओं को शामिल किया गया है। इनमें क्या हमले के बाद पीड़ितों को समुचित चिकित्सा उपलब्ध कराई गई? ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या समुचित कदम उठाए गए थे? अन्य महत्वपूर्ण बिंदु जो परिस्थितियों के मुताबिक आयोग निर्धारित करे।
राज्यपाल को 6 अक्टूबर को सौंपी गई रिपोर्ट भाजपा सरकार के समय में हाईकोर्ट के जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया था। आयोग का कार्यकाल 30 सितंबर 21 को समाप्त हो गया था। उन्होंने कार्यकाल बढ़ाने के लिए शासन को पत्र भी लिखा था। इसी बीच उनका प्रमोशन आंध्र प्रदेश चीफ जस्टिस के पद पर हो गया। इसके बाद तत्कालीन आयोग ने 6 अक्टूबर को राज्यपाल अनुसूईया उइके को जांच रिपोर्ट सौंपी थी। राज्य सरकार ने आयोग की जांच पूरी नहीं होने की बात कहते हुए नए आयोग का गठन किया था।
दिग्गज कांग्रेस नेताओं की हत्या के बाद एनआईए ने की थी जांच कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर 25 मई 2013 को झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले में 29 लोग मारे गए थे। इसमें कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश पटेल, दिग्गज नेता महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार के साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल शामिल थे।तत्कालीन भाजपा सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराई थी। एनआईए की जांच में इसे नक्सली हमला बताया गया। जबकि, कांग्रेसी इसे राजनीतिक हत्या बता रहे थे। एनआईए ने जांच के बाद दो दर्जन से अधिक नक्सलियों की गिरफ्तारी कर चालान विशेष अदालत में प्रस्तुत कर दिया है। इधर, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद दिवंगत पूर्व विधायक उदय मुदलियार के बेटे जितेंद्र मुदलियार ने जगदलपुर थाने में राजनीतिक षडयंत्र और हत्या का केस दर्ज कराया था। जिसे एनआईए ने हाईकोर्ट में चुनौती थी। हाईकोर्ट से एनआईए की अपील खारिज होने के बाद पुलिस अब इस केस की जांच शुरू कर सकती है