कोरोना संक्रमितों की लगातार मौतें हो रही हैं। इसके अलावा सामान्य मौतें भी अधिक होने लगी है जिसके कारण मुक्तिधामों में शव जलाने के लिए शेड कम पड़ जा रहा है। पिछले दिनों शहर के सबसे बड़े मुक्तिधाम में शेड के लिए विवाद हो गया था। इसके बाद से सरकण्डा मुक्तिधाम में टोकन सिस्टम लागू कर दिया है। पार्षद राजेश शुक्ला ने बताया पितर के दौरान से लगातार सामान्य बीमारी से मौत होने वालों का आंकड़ा एकाएक बढ़ गया है।
पिछले कुछ दिनों से शव को जलाने के लिए शेड कम पड़ जा रहा है। एक व्यक्ति शेड के पास लकड़ी रखकर गया था और दूसरे ने उस शेड में शव को जला दिया जिसके कारण विवाद हो गया था। इसलिए अब यहां टोकन सिस्टम लागू कर दिया गया है। मृतक के घर के एक व्यक्ति मुक्तिधाम के चौकीदार से नाम बताकर टोकन लेगा। टोकन में बकायदा शेड का नम्बर लिखा रहता है। उसके हिसाब से शेड में शव को जला सकता है।
शव बदलने के बाद टोकन सिस्टम लागू
तिफरा निवासी एक व्यक्ति के पिता के शव बदल गया उसके पिता के स्थान पर महिला का शव दे दिया गया था जिसका अंतिम भी कर दिया था। युवक ने सिम्स प्रबंधन के खिलाफ लिखित शिकायत भी की थी। इसके बाद सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन ने बताया शव की पहचान करने के लिए टोकन सिस्टम शुरू किया है। कोरोना से मरने वालों के शव के ऊपर एक कागज में मृतक का नाम, पिता का नाम गांव का नाम लिखा होता है जिसको मृतक के परिजन को दिखाया जाता हैं। मृतक के परिजन सहमति द्वारा दी जाती है कि यही शव उनका ही है इसके बाद शव को मुक्तिधाम भेजा जाता है।
कोरोना से बचने टोकन सिस्टम लागू
नगर निगम ने जन्म मृत्यु प्रणाम पत्र का शाखा एक कमरे की है। जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए लंबी लाइन लगाना शुरू हो गया सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा था जिसके कारण अब नगर निगम टोकन सिस्टम लागू कर दिया है। आवेदन जमा करने वाले को टोकन दे दिया जाता है। उसे तीन चार दिन बाद टोकन जमा करने के बाद प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाता है।
नगर निगम स्वास्थ्य विभाग के चेयरमैन राजेश शुक्ला ने कहा, मुक्तिधाम में शेड को लेकर लगातार विवाद हो रहा था। नगर निगम में जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए टोकन सिस्टम लागू किया गया है।