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योग्यता के बाद भी नियुक्ति नहीं, हाईकोर्ट ने पद खाली रखने दिए निर्देश

locationबिलासपुरPublished: Jul 06, 2022 06:50:03 pm

Submitted by:

AVINASH KUMAR JHA

निर्धारित योग्यता के बाद भी दस्तावेजों के सत्यापन में याचिकाकर्ता की दावेदारी नकारे जाने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शासन को कामर्स लेक्चरर का एक पद सुरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं।

योग्यता के बाद भी नियुक्ति नहीं, हाईकोर्ट ने पद खाली रखने दिए निर्देश

योग्यता के बाद भी नियुक्ति नहीं, हाईकोर्ट ने पद खाली रखने दिए निर्देश

बिलासपुर। निर्धारित योग्यता के बाद भी दस्तावेजों के सत्यापन में याचिकाकर्ता की दावेदारी नकारे जाने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शासन को कामर्स लेक्चरर का एक पद सुरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं।
अधिवक्ता विवेकअग्रवाल के माध्यम से प्रस्तुत याचिका में बताया गया कि व्यापमं ने वर्ष 2019 में सहायक शिक्षक और व्याख्याता के रिक्त पदों के लिए विज्ञापन जारी किया। 5 मई 2022 को चयन सूची जारी हुई। गौरेला पेंड्रा की किरण सिंह राठौर का चयन इसमें हो गया था।.इसके बाद जब दस्तावेजों सत्यापन के लिए बुलाया गया तो परीक्षण कर्ताओं ने कहा, आपका स्पेशलाइजेशन एमकॉम फायनेंस और एकाउंटेंसी में नहीं है। यह कहकर अपात्र बता दिया गया। इसके बाद याचिकाकर्ता ने विश्विद्यालय के कामर्स के विभागाध्यक्ष से लिखित में सर्टिफिकेट प्राप्त किया जिसमें उन्हें इन्हीं दोनों विषयों का स्पेशलाइजेशन घोषित किया गया। उपरोक्त दस्तावेज भी प्रस्तुत करने पर जब कोई कार्रवाई नहीं की गई तो इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। जस्टिस आरसीएस सामंत ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता के तर्कों को स्वीकार किया और शासन को कामर्स विषय में व्याख्याता का एक पद सुरक्षित रखने निर्देश दिए।
अधिवक्ता विवेकअग्रवाल के माध्यम से प्रस्तुत याचिका में बताया गया कि व्यापमं ने वर्ष 2019 में सहायक शिक्षक और व्याख्याता के रिक्त पदों के लिए विज्ञापन जारी किया। 5 मई 2022 को चयन सूची जारी हुई। गौरेला पेंड्रा की किरण सिंह राठौर का चयन इसमें हो गया था।.इसके बाद जब दस्तावेजों सत्यापन के लिए बुलाया गया तो परीक्षण कर्ताओं ने कहा, आपका स्पेशलाइजेशन एमकॉम फायनेंस और एकाउंटेंसी में नहीं है। यह कहकर अपात्र बता दिया गया। इसके बाद याचिकाकर्ता ने विश्विद्यालय के कामर्स के विभागाध्यक्ष से लिखित में सर्टिफिकेट प्राप्त किया जिसमें उन्हें इन्हीं दोनों विषयों का स्पेशलाइजेशन घोषित किया गया। उपरोक्त दस्तावेज भी प्रस्तुत करने पर जब कोई कार्रवाई नहीं की गई तो इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। जस्टिस आरसीएस सामंत ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता के तर्कों को स्वीकार किया और शासन को कामर्स विषय में व्याख्याता का एक पद सुरक्षित रखने निर्देश दिए।
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