रायपुर हनुमान नगर निवासी दीपक दीवान ने अभिनेता आमिर खान द्वारा नवम्बर 2015 में दिए गए एक बयान के आधार पर प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां एक परिवाद पेश किया था। इसमें कहा गया कि आमिर के बयान से देश की अखंडता व सुरक्षा को खतरा हो गया है। यह सीआरपीसी की धारा 153 व 153 बी का उल्लंघन है।
मजिस्ट्रेट ने यह पाया कि उपरोक्त धाराओं के अंतर्गत मामले का संज्ञान लेने के लिए राज्य व केंद्र शासन से अनुमति लेना आवश्यक है। इसलिए यह परिवाद खारिज किया जाता है। इसके विरूद्ध फिर याचिकाकर्ता ने एडीजे रायपुर के समक्ष क्रिमिनल रिविजन लगाया। एडीजे ने मजिस्ट्रेट का आदेश सही बताते हुए रिवीजन ख़ारिज कर दी।
इससे क्षुब्ध होकर याचिकाकर्ता ने एडवोकेट अमियकांत तिवारी के जरिये हाईकोर्ट में क्रिमिनल पिटिशन दायर की। इसमें कहा गया कि मजिस्ट्रेट ने प्रकरण को समझे बिना विधि विरूद्ध आदेश पारित किया है। आमिर खान का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता डीके ग्वालरे ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने जो परिवाद खारिज किया वह बिल्कुल विधि अनुरूप ही किया क्योंकि जिन धाराओं का उल्लेख किया गया है, वे केंद्र व राज्य शासन की जांच का विषय व क्षेत्राधिकार है। इसमें किसी निजी व्यक्ति को हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी जा सकती है वरना वह क्षेत्राधिकार का अतिक्रमण होगा। कोर्ट ने इस पर सहमति जताई।