कुछ महीनों बाद पंचराम के सेवानिवृत्त हो जाने के पश्चात् आईजी बिलासपुर एवं एसपी जांजगीर-चाम्पा द्वारा उनके खिलाफ वसूली आदेश का हवाला देते हुए सम्पूर्ण सेवानिवृत्ति देयक रोक दिया गया। इस पर पुनः याचिका दायर की गई। याचिका की सुनवाई के दौरान बकाया वसूली राशि को रोककर सम्पूर्ण सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान करने का आदेश कोर्ट ने दिया। हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश का पालन ना किये जाने से क्षुब्ध होकर पंचराम ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं लक्ष्मीन कश्यप के माध्यम से अवमानना याचिका दायर की। अधिवक्ता द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि कोर्ट द्वारा पारित अपने आदेश में वसूली आदेश संबंधी बकाया राशि को रोककर याचिकाकर्ता को समस्त सेवानिवृत्ति देयक जैसे मासिक पेंशन, ग्रेच्युटी, जीपीएफ, जीआईएस एवं अवकाश नगदीकरण राशि देने का आदेश किया गया। परन्तु अशोक जुनेजा डीजीपी पुलिस मुख्यालय, रतनलाल डांगी आईजी बिलासपुर एवं अभिषेक पल्लव एसपी जांजगीर-चाम्पा द्वारा हाईकोर्ट के आदेश का पालन ना कर घोर अवमानना की गई। कोर्ट ने उक्त अवमानना याचिका को गंभीरता से लेते हुए नाराजगी जाहिर की और अशोक जुनेजा डीजीपी, पुलिस मुख्यालय, रतनलाल डांगी आईजी बिलासपुर एवं अभिषेक पल्लव एसपी जांजगीर-चाम्पा को तत्काल उक्त मामले में जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया।