याचिका में चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल हॉस्पिटल अधिग्रहण अधिनियम 2021 को चुनौती दी गई है। अमित चंद्राकर व अन्य 5 के ओर से दायर इस जनहित याचिका को अधिवक्ता गुंजन तिवारी एवं शसंदीप झा दुर्ग के माध्यम से दायर किया गया है। इस जनहित याचिका में यह कहा गया है कि अधिग्रहण अधिनियम को विनियमित करने में राज्य शासन ने चूक की है जिससे जनहित प्रभावित है। चंद्राकर मेमोरियल हॉस्पिटल एक निजी संस्था द्वारा संचालित था जिसका निर्माण शासन द्वारा दी गई लीज की भूमि पर किया गया है। शासन द्वारा दी लीज में यह भी उल्लिखित है कि लीज में प्रदत भूमि को किसी भी परिस्थिति में विक्रय, गिरवी या नीलाम नहीं किया जा सकता। इसके बाद भी नियमों को ताक पर रखकर जमीन को बैंक में गिरवी रख कर लोन लिया गया है।
इस वजह से घाटे में गया कॉलेज- याचिकाकर्ता ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स पर अवैध दस्तावेज प्रस्तुत कर लोन लेने का आरोप लगाया है। अपनी याचिका में अमित चंद्राकर ने कहा कि बाद में लोन के पैसों की बंदरबांट कर ली गई। जिसकी वजह से कॉलेज घाटे में जाता रहा।. जब बैंक को लोन वापस नहीं किया गया तो बैंक ने कॉलेज को नीलाम करने की घोषणा कर दी।जिसकी वजह से अब कॉलेज के बच्चों के भविष्य पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। वहीं अब सरकार चंदूलाल चंद्राकर के मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल दोनों के अधिग्रहण की बात कह रही है। अमित चंद्राकर ने सरकार द्वारा कॉलेज के अधिग्रहण और बैंक की ओर से नीलामी को चुनौती दी है।