अधिकारियों, कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ नहीं मिलने के विरोध में धरना दिया
देश में अनुसूचित जाति ,जनजाति के अधिकारियों ,कर्मचारियों को पदोन्नति से वंचित होने के खिलाफ गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन ने मंगलवार को 11 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना दिया।
अधिकारियों, कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ नहीं मिलने के विरोध में धरना दिया
बिलासपुर . प्रदेश में अनुसूचित जाति ,जनजाति के अधिकारियों ,कर्मचारियों को पदोन्नति से वंचित होने के खिलाफ गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन ने मंगलवार को 11 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना दिया। आंदोलन के चौथे चरण में प्रांतीय स्तर पर धरना आंदोलन 26 फरवरी को रायपुर में किया जाएगा।
मुख्यमंत्री के नाम एसोसिएशन की तरफ से दिए गए ज्ञापन में छत्तीसगढ़ शासन के खर्च से हाईकोर्ट में सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता को बुलाकर आरक्षण पर दिए गए स्थगन को हटाने व आरक्षित वर्ग की पदोन्नति प्रारंभ करने के लिए कार्यवाही किया जाए। इस मसले पर राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करें। आऊट सोर्सिंग ,संविदा भर्ती पर रोक लगाकर नियमित भर्ती किया जाए। पुरानी पेंशन योजना को पुन: बहाल किया जाए। सभ शिक्षक पंचायत संवर्ग का संविलियन किया जाए। आरक्षण व भर्ती नियम से नियुक्ति अनियमित ,दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियोंक ो नियमित किया जाए। अनुसूचित जाति व जनजाति के आरक्षण को संविधान की 9 वीं अनुसूची में शामिल करने विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया जाए आदि मांगें शामिल रहीं। 1 नवंबर 2000 से अभी तक एक लाख पदों की गणना कर आरक्षण नियम के विपरीत कार्य करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जाए।
ये शामिल रहे
धरना आंदोलन में एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष बसंत जांगड़े, प्रांतीय सचिव राधेश्याम टंडन, जिला मीडिया प्रभारी हेमंत कुमार सूर्यवंशी, चंद्रशेखर नवरत्न , मन्नू कुर्रे, जगदीश डहरिया, डॉ. अमित मिरी, शिव जोशी, शिव सारथी, पूर्णिमा पात्रे, अन्नपूर्णा ध्रुर्वे, सुशीला खजुरिया, दीप्ति अल्फेड, नीता डहरिया, विमला टोप्पों आदि शामिल रहे।