नगर निगम के सफाई विभाग द्वारा सितम्बर 2018 में एक साल के लिए नाली सफाई के लिए टेंडर कर वर्क आर्डर किया गया। इसमें चार ठेकेदारों ने भाग लिया।220 कर्मचारी प्रतिदिन नाली सफाई कर रहे थे। चारों ठेकेदार द्वारा नाली सफाई के लिए कर्मचारी कम लगाने की लगातार शिकायत मिल ही रही थी। इस बीच 90 कर्मचारी और बढ़ा दिए गए । इसके पीछे तर्क दिया गया कि नगर निगम में शामिल ग्रामीण क्षेत्रों में गैंग बनाकर सफाई कार्य कराया जाएगा।
लेकिन इस गैंग का अता पता नहीं रहता है। बताया जाता है कि 40 और 50 कर्मचारियों का अलग अलग गैंग बनाया गया है। इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्र के पार्षद सफाई की शिकायत करते रहते हैं। इस तरह नाली की सफाई के लिए प्रतिदिन 310 कर्मचारी निकलते हैं। इसके बावजूद नाली में कचरा जाम होने की लगातार शिकायत मिल रही है।
इस मामले में स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर आेंकार शर्मा का कहना है कि ठेका सप्ताह होने के दिन चुनाव आ गया जिसके कारण ठेका को एक्सटेंशन किया। इसके बाद लॉक डाउन हो गया। बताया जाता है लगातार शिकायत मिलने के बाद अब नए सीरे से टेंडर कर ठेका करने की तैयारी की जा रही है, वह भी विवादों में फंस गया है।
नाली सफाई के लिए एक साल का ठेका दिया गया था। चुनाव के कारण उसी ठेका को आगे बढ़ा दिया गया। नगर निगम सीमा में शामिल गांवों में सफाई के लिए कर्मचारी बढ़ाए गए थे। बीच में शिकायत मिली थी जिसे दूर किया गया था। अब नए सिरे से टेंडर किया जाएगा।
-डॉ. ओंकार शर्मा,स्वास्थ्य अधिकारी,नगर निगम