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आरपीएफ डीजी अरुण कुमार बोले, सुरक्षा व्यवस्था में होंगे तकनीकी सुधार, सभी के लिए होगा एक ही हेल्पलाइन नंबर

locationबिलासपुरPublished: Nov 25, 2018 06:20:46 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

निरीक्षण के बाद स्पेशल कोच स्पाइक से वे रायपुर रवाना हो गए।

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आरपीएफ डीजी अरुण कुमार बोले, सुरक्षा व्यवस्था में होंगे तकनीकी सुधार, सभी के लिए होगा एक ही हेल्पलाइन नंबर

बिलासपुर. देश के सभी ए ग्रेड स्टेशनों का निरीक्षण कर रहे महानिदेशक अरुण कुमार शनिवार को सुबह बिलासपुर रेलवे जोन पहुंचे। जहां आरपीएफ जवानों ने उनका गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मान किया। एसईसीआर जोनल कार्यालय में अधिकारियों से चर्चा के बाद जवानों से बात कर उनकी समस्याएं जानी। निरीक्षण के बाद स्पेशल कोच स्पाइक से वे रायपुर रवाना हो गए।

रेलवे सुरक्षा बल महानिदेशक का पदभार ग्रहण करने के बाद अरुण कुमार पूरे देश के सभी जोन का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं। डब्ल्यूसीआर (पश्चिम मध्य रेलवे) के जबलपुर मंडल का निरीक्षण करते हुए अमरकंटक एक्सप्रेस से पहुंचे। बिलासपुर जोन कार्यालय में आरपीएफ के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मान किया। इसके बाद मीटिंग का सिलसिला शुरु हुआ। दो घंटे चली मीटिंग में जोन की सुरक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर महानिदेशक अरुण कुमार ने सीनियर सीएससी व सीनियर डीएससी व अन्य जवानों से विस्तार से चर्चा की। डीजी आरपीएफ ने रेल क्लब में आरपीएफ के जवानों की समस्याएं जानी व उससे सुरक्षा व जवानों के हित में किस तरह कार्य किए जा सकते है इसको लेकर घंटे भर बात करते रहे। यहां से महानिदेशक आरपीएफ बल के बैरक पहुंचे जहां उन्होंने बैरक निरीक्षण के बाद कुछ सुधार करने के निर्देश भी दिए। बैकर से काफिला आरपीएफ पोस्ट रेलवे स्टेशन पहुंचा जहां उन्होंने सीसीटीवी रूम, बैरक लॉकअप व ऊपर बन रहे सीसीटीवी रूम की नयी बिल्डिंग का भी निरीक्षण कर दिशा निर्देश दिए। वे 2.45 बजे स्पेशल ट्रेन स्काइक (परख) से रायपुर के लिए प्रस्थान कर गए।

सीधी बात : रेलवे स्टेशनों में भविष्य में उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं पर प्रकाश डालते हुए रखी अपनी बात
सवाल : रेलवे सुरक्षा को लेकर आप का क्या विजन है ?
जवाब : रेलवे स्टेशनोंं में नई सुरक्षा प्रणाली आईएसएस (इंटरनल सिक्योरिटी सिस्टम) लागू करने दिशा में कार्य चल रहा है। अब तक कोई भी व्यक्ति रेलवे स्टेशन में कहीं से भी प्रवेश कर सकता है और बाहर भी निकल सकता है। आईएसएस के माध्यम से स्टेशनों की दीवारों, कुलेप्सुल बैरियर से सुरक्षित किया जाएगा। रेलवे स्टेशन के इंटर व एग्जिट गेट में डीएएफडी व एचएएफडी के जवानों को तैनात किया जाएगा। इससे स्टेशनों में अनावश्यक प्रवेश करने वालों की पहचान हो जाएगी व उन्हें गिरफ्तार किया जा सकेगा।
सवाल : भविष्य में स्टेशनों में क्या बदलाव देखने को मिलेगा?
जवाब : रेलवे स्टेशनों में प्रवेश व बाहर निकलने वाले यात्रियों को दो भागों में विभाजित किया जाएगा। पहला एडिशनल कोर एरिया (रेलवे स्टेशन व स्टेशन परिसर) व दूसरा नान कोर एरिया (रेलवे कॉलोनी) को शामिल किया गया है। कोर एरिया पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित करने की योजना है । नान कोर एरिया की सुरक्षा के लिए प्राइवेट गार्ड या सुरक्षा कर्मी तैनात करने की योजना है। नान कोर एरिया को आउट सोर्स के माध्यम से करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

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सवाल : साइबर क्राइम के मामले भी रेलवे में बढ़ रहे हैं, क्या आरपीएफ भी आपना साइबर सेल डेवलप करेगा ?
जवाब : हां बिल्कुल। रेलवे का अपना साइबर रेल डेवलप हो रहा है और यही देश के अन्य जगहों पर भी जाएगा। साइबर सेल का मतलब मोबाइल चोरी को डिटेक्टर करना नहीं होता। साइबर सेल का मुख्य कार्य कम्प्यूटर के अंदर स्पेस में जो अपराध होते हैं वह साइबर सेल की श्रेणी में आते है। मोबाइल चोरी व स्पेस क्राइम दोनों ही अलग है। दोनों पर ही स्पेसिफीक तरीके से कार्य को अंजाम दिया जाएगा।
सवाल : रेलवे के जारी हेल्प लाइन नम्ंबर में कई बात फोन न लगने की शिकायत होती है ? इसे दूर करने की क्या योजना है ?
जवाब : रेलवे सारे हेल्प लाइन नंम्बर को एक ही नंम्बर में समाहित करने की योजना पर कार्य कर रहा है। वर्तमान में 182, 139 व अन्य नम्ंबर जारी है। जल्द ही नया हेल्प लाइन नंबर जारी होगा इसमें सभी नंबर समाहित हो जाएगे। इसके लिए साधनों को अपग्रेड किया जा रहा है। बड़ा ही पावर फुल साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है।

सवाल : अपराध ट्रेनों में काफी तेजी से बढ़ा है इसे रोकने के लिए क्या किया जा रहा है ?
जवाब : जिस अपराध की बात आप लोग कह रहे हैंख् वह अपराध जीआरपी की श्रेणी में आता है। लेकिन अब आरपीएफ भी चोरी के मामलों पर ध्यान दे रहा है। निरीक्षण के दौरान कुछ जगहों पर यह बात भी पता चली की आरपीएफ के जवान ही चोरों को पकड़ कर जीआरपी के हवाले कर रहे है। ट्रेनों में बढऩे वाले चोरी के अपराधों को रोकने के लिए नान स्केल टेक्नोलाजी पर कार्य किया जा रहा है। रेलवे स्टेशन के साथ ट्रेनों में भी सीसीवीटी कैमरे लगाने की दिशा में तेजी से कार्य चल रहा है।
सवाल : जीआरपी व आरपीएफ में समन्यवय की कमी साफ दिखती है।
जवाब : ऐसी कोई स्थिति अब तक तो देखने को नहीं मिली है। अन्य जोन के अलावा मध्यप्रदेश में भी सभी मिलकर कार्य कर रहे है। बिलासपुर के बाद रायपुर जा रहा हूं। आकलन करने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा।

सवाल : इंट्रीग्रेटड सिक्योरिटी सिस्टम में आधे अधूरे कार्य हुए है
जवाब : इंट्रीग्रेटड सिक्योरिटी सिस्टम में अभी पहले चरण का कार्य ही पूरा हो सका है। दूसरे चरण की शुरुआज जल्द ही की जाएगी। इसके लिए जवानों को प्रशिक्षण भी दिया जाना है।
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