राज्य लोक सेवा आयोग ने 29 नवंबर 2017 को राज्य सेवा परीक्षा 2017 के विभिन्न 209 पदों के लिए, जिसमें उप-जिलाधीश, आबकारी अधिकारी समेत अन्य पदों के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था, इसकी प्रारंभिक परीक्षा 18 फरवरी 2018 को आयोजित की गई थी। 22 फरवरी 2018 को प्रारंभिक परीक्षा के मॉडल आंसर जारी किए गए, इसके बाद दावा-आपत्ति मंगाई गई। फिर 7 अप्रैल 2018 को संशोधित मॉडल आंसर जारी किए गए।
इन तमाम प्रक्रियाओं के बाद मुख्य परीक्षा (मेंस) में सम्मिलित व चयनित लोगों के परिणाम जारी किए गए। इससे क्षुब्ध होकर विनय अग्रवाल, अमित अग्रवाल एवं अन्य अभ्यर्थियों द्वारा अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी के माध्यम से याचिकाएं लगाई गई। इसमें आधार लिया गया कि पूर्व में जारी मॉडल आंसर सही होने के बावजूद संशोधित मॉडल आंसर में विलोपन या बदलाव किया गया। इस कारण से याचिकाकर्ता मुख्य परीक्षा में चयनित नहीं हो सके।
एक्सपर्ट कमेटी गठित करने के आदेश
मामले की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने एक नई एक्सपर्ट कमेटी के गठन का आदेश देते हुए कहा है कि कमेटी अंकित प्रश्नों, जिसमें कि एप्टीट्यूट टेस्ट के पांच प्रश्नों एवं याचिकाकर्ताओं के सामान्य ज्ञान के 5-6 प्रश्नों की दोबारा जांच करे। जांच के बाद अगर कमेटी किसी प्रश्न को विलोपित करना चाहती है तो, करे और उसके अंक प्रदान करे। इस
कार्य के लिए अधिकतम 15 दिनों का वक्त दिया गया है।
ओटी अटेंडेंट के ट्रांसफर आदेश पर रोक
जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव की एकलपीठ ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पथरिया में पदस्थ ऑपरेशन थिएटर अटेंडेंट के स्थानांतरण आदेश को अधिकारिता रहित पाते हुए रोक लगा दी है। कुदुदंड जिला बिलासपुर निवासी स्टीफन जॉर्ज इलियाजर पथरिया में ओटी अडेंडेंट के पद पर कई वर्षों से पदस्थ थे। खंड चिकित्सा अधिकारी पथरिया द्वारा स्टीफन का स्थानांतरण 6 अप्रैल 2018 को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय मुंगेली कर दिया गया।
उक्त आदेश के खिलाफ अधिवक्ता अभिषेक पांडेय के माध्यम से हाईकोर्ट में रिट याचिका लगाई गई। मामले की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता पांडेय द्वारा तर्क दिया गया कि याचिकाकर्ता स्टीफन ऑपरेशन थिएटर अटेंडेंट के पद पर पदस्थ हैं। उनके नियुक्तिकर्ता अधिकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी हैं। इसलिए निम्न रैंक के अधिकारी बीएमओ को स्थानांतरण का अधिकारी ही नहीं है। सुनवाई के बाद एकलपीठ ने स्थानांतरण को अधिकारिता रहित पाते हुए इस पर स्टे लगा दिया है।