छत्तीसगढ़ में नहीं हो रहा अंगदान, काल के गाल में समा रहे मरीज
विश्वभर में जहां अंगदान को लेकर जोरशोर से पहल हो रही है, वहीं छत्तीसगढ़ ऐसा राÓय है, जहां शासकीय स्तर पर ही इसकी अनदेखी की जा रही है।
Organ donation is not happening in the state
शरद त्रिपाठी
बिलासपुर. विश्वभर में जहां अंगदान को लेकर जोरशोर से पहल हो रही है, वहीं छत्तीसगढ़ ऐसा राÓय है, जहां शासकीय स्तर पर ही इसकी अनदेखी की जा रही है। जरूरतमंद मरीजों को या तो वेल्लूर, हैदराबाद, चेन्नई, गुजरात की ओर रुख करना पड़ रहा है, वहां भी वेटिंग लगती है। समय पर ट्रांसप्लांट हो गया तो ठीक , नहीं तो नंबर आते-आते मौत हो जा रही। इधर ऐसे मरीज जो वहां नहीं जा पा रहे ,वे भी असमय काल के गाल में समा रहे हैं।
समय के साथ देश भर में स्वास्थ्य सुविधाएं भी बढ़ती जा रही हैं, लेकिन अंगदान के मामले में अभी भी छत्तीसगढ़ पिछड़ा है। इसकी मुय वजह शासन से तव”ाो न मिल पाना है। इसके लिए यहां अभी तक कोई नियम-कानून ही नहीं बना है। छत्तीसगढ़ में वर्तमान में राÓय के चार अस्पतालों श्री बालाजी हॉस्पिटल रायपुर, एमएमआई रायपुर, रामकृष्ण केयर रायपुर व अपोलो बिलासपुर में किडनी ट्रांसप्लांट तो हो रहा है, पर इसके लिए मरीज का परिजन होना जरूरी है। यानी फैमिली डोनर्स की इसमें सहभागिता निभा सकता है। हालांकि मेडिकल कॉलेजों में आई डोनेट हो रहा है, लेकिन बाकी शरीर के आर्गंस डोनेट करने का प्रावधान ही नहीं है। इसे लेकर लोगों में जागरुकता की कमी नहीं है, पर शासकीय प्रावधानों के आगे सिर्फ सोच कर रह जा रहे हैं।
सिर्फ नेत्र व देहदान ही हो पा रहा
समाजसेवी संस्था हैंड्स ग्रुप के माध्यम से वर्ष 2015 से अब तक जिले के &50 लोगों का मरणोंपरांत नेत्रदान हुआ है। इसी तरह करीब 8 बाडी डोनेट हुए हैं। ग्रुप संरक्षक अभिषेक विधानी का कहना है कि कोरोना काल में इस प्रक्रिया बंद थी, अब फिर से शुरू हो गई है।
सबसे Óयादा किडनी की डिमांड
बॉडी ऑर्गन की बात करें तो वर्तमान में सबसे Óयादा मरीज किडनी के हैं। राÓय में चार निजी अस्पतालों में तो किडनी ट्रांसप्लांट की व्यवस्था है, पर सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में नहीं हो रहा है। इससे गरीब व सामान्य तबके के मरीजों का ट्रांसप्लांट नहीं हो पा रहा है।
यहां हो रहा आर्गन डोनेट
जानकारी के मुताबिक बेल्लूर, हैदराबाद, चेन्नई सहित कुछ राÓयों में ब्रेनडेड मरीजों का बॉडी आर्गन डोनेट हो रहा है। यहां नेत्रदान, देहदान के अलावा लीवर, किडनी, हार्ट सहित अन्य जरूरी आर्गंस डोनेट किए जा रहे हैं। यहां ट्रांसप्लांट के लिए जाने पर छग के लोगों को लंबी वेटिंग मिल रही है।