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बारिश से धान भीगे, अफसरों ने साध ली चुप्पी, किसी ने रिपोर्ट नहीं भेजी

locationबिलासपुरPublished: Feb 24, 2020 07:42:52 pm

Submitted by:

GANESH VISHWAKARMA

heavy rain in bilaspur: रविवार को आधी रात के बाद सुबह तक जमकर बारिश हुई। इस बारिश से जिले के खरीदी केंद्रों में धान की बोरियां पूरी तरह भींग गए ।

बारिश से धान भीगे, अफसरों ने साध ली चुप्पी, किसी ने रिपोर्ट नहीं भेजी

बारिश से धान भीगे, अफसरों ने साध ली चुप्पी, किसी ने रिपोर्ट नहीं भेजी

बिलासपुर . रविवार को आधी रात के बाद सुबह तक जमकर बारिश हुई। इस बारिश से जिले के खरीदी केंद्रों में धान की बोरियां पूरी तरह भींग गए । इस मामले में खरीदी से जुड़े जिम्मेदार विभागों और उनके अधिकारी कुछ भी कहने-बोलने से चुप्पी साध ली । इन अफसरों का का एक ही रटारटाया जवाब किसी भी समितियों से धान भींगने की रिपोर्ट नहीं पहुंची। इसलिए सभी धान सुरक्षित है। लेकिन तस्वीरें बयां कर रहीं है कि बारिश से धान की बोरियों की दशा क्या हो गई है।
जिले में सेवा सहकारी समिति की 39 समितियां है। इन समितियों के अंतर्गत जिले में खरीफ फसल 2019-20 के लिए 130 खरीदी केंद्र बनाए गए । इन समितियों में 20 फरवरी से धान खरीदी का कार्य समाप्त हो गया है। लेकिन खरीदी केंद्रों में लगभग 10 लाख क्विंटल धान का परिवहन नहीं हो पाया है। यह धान अब भी समितियों में पड़े हुए है।

बारिश से धान भीगे, अफसरों ने साध ली चुप्पी, किसी ने रिपोर्ट नहीं भेजी
अफसर मौन
छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ की डीएमओ शोभना तिवारी, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ श्रीकांत चंद्राकर , खाद्य विभाग के प्रभारी खाद्य नियंत्रक हिजकिएल मसीह बारिश में धान भींगने के मामले में कुछ कहने से कतराने लगे । प्रभारी खाद्य नियंत्रक और जेएसकेबी के सीईओ सीधे तौर पर मार्कफेड की जिम्मेदारी व जवाबदेही की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। दूसरी तरफ मार्कफेड की डीएमओ इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार दी। डीएमओ ने कहा किसी भी समितियों से धान भींगने की रिपोर्ट समिति प्रबंधकों ने नहीं भेजी है। इसलिए धान की बोरियां भींगने का सवाल ही नहीं उठता है। सभी केंद्रों में धान तिरपाल से ढके गए है।
बारिश से धान भीगे, अफसरों ने साध ली चुप्पी, किसी ने रिपोर्ट नहीं भेजी
तस्वीरें बयां कर रहीं हालात
बारिश से खरीदी केंद्रों में धान की बोरियों की क्या दशा है। यह तस्वीरें खुद-ब-खुद बयां कर रहीं है। हालांकि जिम्मेदार विभागों के अफसरॉन इसे झुठलाने के लिए कोई कोरकसर नहीं छोड़ रहे है।
नोडल अधिकारियों का दौरा बंद
कलेक्टर ने जिले में धान खरीदी के लिए करीब पचास अधिकारियों को धान खरीदी केंद्रों के निरीक्षण ,पर्यवेक्षण के लिए नोडल अधिकारी बनाए गए थे। धान खरीदी की समय सीमा समाप्त होने के साथ ही इन अधिकारियों ने खरीदी केंद्रों का पर्यवेक्षण करना बंद कर दिया ।

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