छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ की डीएमओ शोभना तिवारी, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ श्रीकांत चंद्राकर , खाद्य विभाग के प्रभारी खाद्य नियंत्रक हिजकिएल मसीह बारिश में धान भींगने के मामले में कुछ कहने से कतराने लगे । प्रभारी खाद्य नियंत्रक और जेएसकेबी के सीईओ सीधे तौर पर मार्कफेड की जिम्मेदारी व जवाबदेही की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। दूसरी तरफ मार्कफेड की डीएमओ इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार दी। डीएमओ ने कहा किसी भी समितियों से धान भींगने की रिपोर्ट समिति प्रबंधकों ने नहीं भेजी है। इसलिए धान की बोरियां भींगने का सवाल ही नहीं उठता है। सभी केंद्रों में धान तिरपाल से ढके गए है।
बारिश से खरीदी केंद्रों में धान की बोरियों की क्या दशा है। यह तस्वीरें खुद-ब-खुद बयां कर रहीं है। हालांकि जिम्मेदार विभागों के अफसरॉन इसे झुठलाने के लिए कोई कोरकसर नहीं छोड़ रहे है।
नोडल अधिकारियों का दौरा बंद
कलेक्टर ने जिले में धान खरीदी के लिए करीब पचास अधिकारियों को धान खरीदी केंद्रों के निरीक्षण ,पर्यवेक्षण के लिए नोडल अधिकारी बनाए गए थे। धान खरीदी की समय सीमा समाप्त होने के साथ ही इन अधिकारियों ने खरीदी केंद्रों का पर्यवेक्षण करना बंद कर दिया ।