अचानक दोनों भाई गहराई में चले गए और डूब गए। कुछ दूरी पर मछली मार रहे मछुआरे ने डूबते हुए रेहान को देखा और पानी में कूदकर किसी तरह रेहान को बाहर निकाल लिया। उसने मछुआरों को बताया कि नहाते समय उसका छोटा भाई तौफीक भी डूब गया है। तौफीक के डूबने की खबर लोगों ने परिजनों और पुलिस को दी। परिजन शिवघाट पहुंचे और बच्चे की तलाश शुरू की। पुलिस ने नगर सेना के गोताखोरों को बुलवाया। वे भी अंधेरा होने से पहले तक नदी में बच्चे की तलाश करते रहे।
पैदा होते ही बहन की गोद में डाल दिया था तौफीक को : माजिद की बहन के बच्चे नहीं हैं। वहीं माजिद के तीन बच्चे हैं। इनमें बेटी आयशा बड़ी है, इसके बाद दो बेटे रेहान और तौफीक हैं। तौफीक के पैदा होने के बाद माजिद ने उसे अपनी बहन को गोद दे दिया था। हालांकि वर्तमान में उसका बड़ा बेटा रेहान अपनी बुआ के साथ कुदुदंड में रहता था, और छोटा बेटा तौफीक कटघोरा में माता-पिता के साथ रहता था।
देर शाम तक नहीं मिला तौफीक : गोताखोर सुबह 10 बजे से शाम साढ़े 6 बजे तक इंदिरा सेतु, सरकंडा पुल और रपटा में बच्चे की तलाश करते रहे। लेकिन देर शाम तक तौफीक का पता नहीं चल सका।
देर शाम तक नहीं मिला तौफीक : गोताखोर सुबह 10 बजे से शाम साढ़े 6 बजे तक इंदिरा सेतु, सरकंडा पुल और रपटा में बच्चे की तलाश करते रहे। लेकिन देर शाम तक तौफीक का पता नहीं चल सका।