हाउसिंग बोर्ड ने देवरीखुर्द में कॉलोनी का निर्माण किया था। सन् 2002-03 में हाउसिंग बोर्ड ने इस कॉलोनी को निगम संधारण के लिए हैंडओवर कर दिया इसके बाद से यहां जल संकट की स्थिति बनी हुई है। पिछले 12-15 सालों से यहां 12 बोरिंग कराए गए लेकिन वॉटर लेबल डाउन होने के कारण संकट का समाधान नहीं हो सका, जिसके कारण यहां निगम प्रशासन के जलकार्य विभाग द्वारा टैंकरों के माध्यम से पानी की सप्लाई की जा रही है। कॉलोनी के कल्याण समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने फिर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर पानी की समस्या से अवगत कराया और इसके निवारण के लिए जीपी टेक्नालॉजी से बोर कराने तथा कॉलोनी में नए मकानों के निर्माण पर रोक लगाने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने वालों में समिति के अध्यक्ष बीपी सिंह, सचिव राजकुमार सिंह, संरक्षक आलोक चटर्जी, उपाध्यक्ष जीके टाह, कोषाध्यक्ष एमके सिंह, सहसचिव एसपी सिंह और कार्यकारिणी सदस्य मौजूद रहे।
क्या है जीपी टेक्नोलॉजी :जीपी टेक्नोलॉजी यानि ग्रेवल पैक पद्धति में केसिंग पाइप को जगह-जगह ड्रिल करके छेद करा कर कराए गए बोर के अंदर डाला जाता है, ताकि बोर में हर लेयर का पानी आ सके।
दिक्कत भी हो सकती है : देवरीखुर्द का यह इलाका जहां जलसंकट की स्थिति है वह अरपा चेक डेम के करीब है जहां नदी का पानी डेम के कारण ठहरा हुआ है। ऐसे में यदि चेक डेम का पानी बोर में आता है तो जलजनित रोगों के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
सफेद खदान के पांच बोर भी फेल : लगभग 6-7 साल पूर्व पीएचई और निगम प्रशासन ने देवरीखुर्द में वॉटर लेबल डाउन होने के कारण कॉलोनी से कुछ दूर सफेद खदान इलाके में बोर कराकर पाइप लाइन के जरिए यहां के पानी टंकी को भरने की प्लानिंग की। प्लानिंग के तहत यहां पांच बोर कराए गए, लेकिन इनमें से तीन में पानी ही नहीं मिला। चौथा बोर भी कुछ दिन चलने के बाद बंद हो गया। 5 वें और अंतिम बोर से अभी करीब 15 से 20 मिनट तक पतली धार आ रही है।
दिक्कत भी हो सकती है : देवरीखुर्द का यह इलाका जहां जलसंकट की स्थिति है वह अरपा चेक डेम के करीब है जहां नदी का पानी डेम के कारण ठहरा हुआ है। ऐसे में यदि चेक डेम का पानी बोर में आता है तो जलजनित रोगों के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
सफेद खदान के पांच बोर भी फेल : लगभग 6-7 साल पूर्व पीएचई और निगम प्रशासन ने देवरीखुर्द में वॉटर लेबल डाउन होने के कारण कॉलोनी से कुछ दूर सफेद खदान इलाके में बोर कराकर पाइप लाइन के जरिए यहां के पानी टंकी को भरने की प्लानिंग की। प्लानिंग के तहत यहां पांच बोर कराए गए, लेकिन इनमें से तीन में पानी ही नहीं मिला। चौथा बोर भी कुछ दिन चलने के बाद बंद हो गया। 5 वें और अंतिम बोर से अभी करीब 15 से 20 मिनट तक पतली धार आ रही है।
लंबे समय से है पानी की समस्या : देवरीखुर्द हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में लंबे समय से पानी की समस्या है, यहां टैंकर से जलापूर्ति कराई जा रही है, यहां के रहवासियों ने ग्रेवल पैक टेक्नालॉजी से बोर कराने की मांग की है, यहां हाल ही में इस तकनीकी से एक बोर कराया गया है जिसमें ढाई तीन इंच पानी मिला है, पानी की टेस्टिंग करा रहे हैं। टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि पानी कैसा है।
अजय श्रीवासन, सहायक अभियंता जलकार्य विभाग नगर निगम बिलासपुर
अजय श्रीवासन, सहायक अभियंता जलकार्य विभाग नगर निगम बिलासपुर