ये परेशान होकर रटने की परीक्षा नहीं है अभियान के तहत शिक्षाविद् डॉक्टर अजय श्रीवास्तव ने कहा कि परीक्षा सालभर मेहनत की सतत प्रक्रिया की परीक्षा होती है, परेशान होकर रटने की परीक्षा नहीं है। तैयारी के लिए सीधे-सीधे याद रखने की जगह समझने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि कोई चीज समझ में आ गई तो उसे याद आसानी से रखा जा सकता है। परीक्षा में पास होना आवश्यक होता है, यह जरूरी भी है, लेकिन साल के अंत में जाकर हम सोचते हैं तो यह परेशानी का सबब होती है।
हो सकता है कि पूछे गए प्रश्न आपके अनुसार न आए हों और आप उसने पास न हों। पर ये जिंदगी का 10 प्रतिशत हिस्सा भी नहीं होता है। रीजल्ट में भी दुखी होने की आवश्यकता नहीं क्योंकि हमे पता होता है कि हमारे पेपर कैसे गए हैं, उसी को एग्जामनर को जांचना है और नंबर देना है। परीक्षा में भले आप पास न हों, हो सकता है आप एक अ’छे खिलाड़ी हों, पेंटर हों, गायक हों या राइटर। ऐसी बहुत सारी विधाएं हैं, जिसमें आप अ’छा कर सकते हैं और कोई भी परीक्षा अंतिम नहीं होती बहुत सारी परीक्षाएं आती हैं। जिसमें हम निपुण हों उसकी तैयारी करें और पास होकर सफल बनें।
नकल करना अपने आप से नकल करना है परीक्षा हाल में नकल करना अपने आप से नकल करना है। जब आप अपनी सोच के अनुसार प्रश्न का जबाब देते हैं तो उसमें आपकी सोच भी विकसित होती है। परीक्षा हाल में निश्चिंत होकर जाएं। एकाग्रता पूर्वक प्रश्न पढ़ें, समझें और उसका उत्तर लिखें। जैसा आता है वैसा उत्तर लिखें।