जो आता है उसे साफ-सफाई से करें, जो नहीं उसे खाली न छोड़े
–बच्चों को परीक्षा का भय नहीं होना चाहिए। प्रश्न में क्या आएगा क्या नहीं ये सब सोचकर टेंशन न लें। जिस विषय का पेपर देने जा रहे हैं उसका रात में रिवीजन कर लें और सुबह परीक्षा के एक घंटे पहले पढऩा छोड़ दें और शांतिपूर्वक परीक्षा में शामिल हों। बड़ों का आशीर्वाद लें और भय व तनाव से बचें। जो प्रश्न आता है उसे सफाई से और व्यवस्थित रूप से हल करें। जो प्रश्न नहीं आता है तो ध्यान लगाकर उससे रिलेटेड क्लू निकालें लेकिन समय हो तो प्रश्न न छोड़े।
शेख शहाबुद्दीन
शिक्षक चुचुहियापारा
आत्मविश्वास ही सफलता की राह करेगा आसान
परीक्षा के नाम से ही बच्चे चिंतित हो जाते हैं, जबकि ऐसे समय में घबराने की जरुरत नहीं है, जो आता है उसे करें। छात्रों को हमेशा अपना आत्मविश्वास बनाए रखना चाहिए और उसे बढ़ाना चाहिए। बिना आत्मविश्वास के सफलता की राह में आगे कदम बढ़ा ही नहीं सकते हैं। आत्मविश्वास एक ऐसी उर्जा है, जो सफलता की राह को आसान कर देती है। आत्मविश्वास स्वंय की आंतरिक शक्ति है जो आगे बढऩे का उत्साह पैदा करती है। आत्मविश्वास उतना ही आवश्यक है जितना मानव के लिए आक्सीजन व मछली के लिए पानी।
बसंत जांगड़े
शिक्षक, गवर्मेंट स्कूल बिल्हा
बच्चे निराशा को दूर रखें, सिर्फ अच्छे नंबर लाने से कोई आगे नहीं बढ़ता
परीक्षा सामान्य प्रक्रिया की तरह लेना चाहिए, कभी भी परीक्षा को हउआ बनाने की जरूरत नहीं है। कुछ लोग रात भर पढ़ते है ज्यादा टेंशन लेते है इसके चलते वह जो पढ़ते है वह भी परीक्षा हाल में जाते समय भूल जाते है। परीक्षा दिलाने के लिए पूरी नींद लेनी चाहिए व सुबह के वक्त शांत मन से पढाई करना चाहिए, इससे न सिर्फ अच्छे नंबर आते है बल्कि दिमांग भी शांत रहता है इससे पढ़ा हुआ हर शब्द याद रहता है। केवल अच्छे नम्बर लाने से कोई आगे बढ़ जाए ऐसा नहीं है या किसी के कम नंबर आए तो वह आगे नहीं बढ़ सकता यह कहना गलत है। सीएससी चौहान ने अपने पढ़ाई के दिनों को याद करते हुए कहा कि उनके नंबर भी बहुत अच्छे नहीं आते थे लेकिन शांत चित से सुबह पढ़ाई करने से उनका पेपर अच्छा जाता और नंबर धीरे-धीरे बढ़ते चले गए।
आरके चौहान
प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त एसईसीआर