उद्यान में पत्रिका के साथ जुड़कर बड़ी संख्या में लोगों ने योगाभ्यास किया। विवेकानंद उद्यान में ऐसे बहुत से लोग हैं जो निरंतर सालों से यहाँ आकर योगाभयास कर रहे हैं। पूछने पर उन्होंने बताया की इससे उनके शरीर में अनेक बदलाव आये हैं। लोगों ने बताया की निरंतर योगाभ्यास से शरीर का स्टैमिना बढ़ा है। काम करने में स्फूर्ति रहती है और मानसिक तनाव कम होता है।
लोगों ने उद्यान में सुबह साथ मिलकर एरोबिक्स और लाफ्टर एक्सरसाइज के ज़रिये शरीर को दिनभर के लिए तैयार किया। लाफ्टर क्लब में तरह तरह के मनोरंजक एक्सरसाइज को करने के लिए लोग बड़ी संख्या में जमा हुए। सबने मिलकर खूब ठहाके लगाए। ऐरोबिक्स को पसंद करते हुए ग्रुप में लोगों ने मिलकर इस मनोरंजक माध्यम से शरीर को फिट रखने के प्रयास किये।
उद्यान में पहुंची महिलाओं की टोली ने ग्रुप बनाकर व्यायाम किया और दिनभर के कार्यों को करने के लिए शरीर को तैयार किया। सुबह उठकर व्यायाम करने से न केवल शरीर स्वस्थ होता है बल्कि दिनभर के कार्यों को करने के लिए ऊर्जा भी मिलती है। घरेलु कार्यों को करने के साथ साथ महिलाएं विभिन्न तरह के श्रम करती हैं जिसके लिए उन्हें फिट रहना बेहद ज़रूरी है।
उद्यान में कुछ महिलाएं अपने सहेलियों के साथ पहुंची और बात चित करते हुए मॉर्निंग वाक किया। पूछने पर महिलाओं ने बताया की सुबह उठकर आधे घंटे वाक करने से जोड़ों में तनाव और खिचाव कम होता है। इससे उनमें जोड़ों के दर्द की समस्या की शिकायतें कम होती हैं। कहा की इससे हेल्थ भी ाचा होता है और दोस्तों से बात करने का समय भी मिल जाता है।
उद्यान में बुज़ुर्ग महिलाएं भी एक दूसरे के साथ बैठकर बातचीत करते और अपना सुख दुःख बांटते दिखीं। पूछने पर बताया की सुबह नींद जल्दी खुल जाती है जिसके कारण वह अक्सर यहाँ आकर एक दूसरे से अपना सुख दुःख बांटती हैं ,सुबह की ताज़ी हवा में बैठकर एक दूसरे से बात करने में भी आनंद आता है।
पत्रिका के हमराह कायक्रम में लोगों ने स्ट्रेचिंग के ज़रिये भी शरीर को चुस्त दुरुस्त रखने के प्रयास किये। उद्यान में पहुंचे लोगों ने स्ट्रेचिंग के माध्यम से मसल्स को रिलैक्स किया। स्ट्रेचिंग एक ऐसा जरिया है जिससे मांसपेशियों को रिलैक्स किया जा सकता है। इससे शरीर में अकड़न और जकड़न कम होती है। शरीर फ्लेक्सिबल भी बनता है जिससे एक्टिवनेस आती है और हार्ड वर्क करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा प्राप्त होता है।
उद्यान में आये लोगों ने पत्रिका से बातचीत में बताया की शहर में पेड़ों की संख्या अब कम हो गई है जिसके कारण गर्मी और पानी की समस्या बढ़ी है। लोगों ने आने वाले 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर बड़ी संख्या में एकजुट होकर पर्यावरण संरक्षण की ओर काम करने की बात कही।