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शहीद विनोद का शव देख फफक पड़े लोग, नम आंखों से दी विदाई

locationबिलासपुरPublished: Jan 26, 2018 11:01:34 am

Submitted by:

Amil Shrivas

दोपहर करीब 1 बजे हेलीकॉप्टर में शहीद एसआई मूलचंद कंवर और एसआई विनोद कौशिक का पार्थिव शव पहुंचा।

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बिलासपुर . अबुझमाड़ के इरनापाल के जंगल में सीपत के सपूत विनोद कौशिक के शहीद होने की खबर मिलते ही पूरा गांव शोक में डूब गया। सुबह से ही ग्रामीण अपने मिलनसार और होनहार सपूत के पार्थिव शव की एक झलक पाने एनटीपीसी सीपत के हेलीपेड पहुंच गए। शहीदों का शव जब सीपत हेलीपेड पहुंचा तो जन सैलाब उनके दर्शन के लिए उमड़ पड़ा। हेलीपेड से लेकर उनके घर तक भारत माता और शहीद विनोद कौशिक के जयकारे गूंजते रहे। नारायणपुर जिले के अबुझमाड़ इरनापाल जंगल में बुधवार की सुबह नक्सली हमले में शहीद हुए विनोद कौशिक का शव नारायणपुर से हेलीकॉप्टर द्वारा गुरुवार की दोपहर करीब 1 बजे सीपत एनटीपीसी लाया गया। वहां से शव वाहन की मदद से गृहग्राम सीपत लाया गया। उनकी शहादत की खबर परिजनों को टीवी के माध्यम से मिली। शहीद की शहादत को नमन् करने गांव के लोगों ने अपनी दुकानें बंद रखीं। उनकी अंतिम झलक पाने के लिए सुबह से ही लोग इंतजार करते रहे। दोपहर करीब 1 बजे हेलीकॉप्टर में शहीद एसआई मूलचंद कंवर और एसआई विनोद कौशिक का पार्थिव शव पहुंचा। पहले हेलीकॉप्टर से शहीद विनोद कौशिक की पत्नी जयश्री कौशिक और 8 साल का बेटा आर्षभ (आर्यन) कौशिक के साथ नीचे उतरीं, फिर शहीदों का शव लेकर सेना के जवान नीचे उतरे।
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सबसे पहले कोरबा के शहीद मूलचंद कंवर के शव को कोरबा के लिए रवाना किया गया। उसके बाद शहीद विनोद कौशिक के शव को लेकर पुलिस की एक टुकड़ी घर के लिए रवाना हुई। रास्ते भर नम आंखो से बहते आंसू लोगों की सिसकियों के बीच शहीद की यात्रा उनके घर तक पहुंची। शहीद का अंतिम संस्कार पैतृक खेत मउहारभांठा में राजकीय सम्मान के साथ किया गया। नगरीय निकाय मंत्री अमर अग्रवाल, सांसद लखनलाल साहू, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, विधायक दिलीप लहरिया ने भी शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।
शहीद विनोद कौशिक पंचतत्व में विलीन : गृहग्राम सीपत में शहीद विनोद कौशिक की अंतिम यात्रा निकली। उनके अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। खेत में पूरे विधि-विधान के साथ शहीद के भाई विनेंद्र कौशिक और बेटे आर्षभ (आर्यन) ने मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया।
सास-बहू के आंसू देख नम हो गईं आंखें : शहीद विनोद कौशिक के पार्थिव शव के साथ हेलीकॉप्टर से लौटी उनकी पत्नी जयश्री कौशिक जब ससुराल पहुंचीं तो अपनी सास बृहस्पति बाई के गले लग कर फफक-फफक कर रोने लगी। दोनों सास-बहू के आंख से बहते आंसू देख मौजूद सभी की आंखें नम हो गईं।
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शीतकालीन छुट्टी में आए थे अंतिम बार घर : शहीद विनोद कौशिक के पिता उमाशंकर कौशिक ने बताया कि अंतिम बार वह शीतकालीन छुट्टी में घर आए थे और नया साल मनाने के बाद 2 जनवरी को वापस गए। जब वह छुट्टी में आए थे तो बताया कि उनका जल्द ही प्रमोशन होने वाला है, वह एसआई से निरीक्षक बनने वाले हैं। उनका नाम प्रमोशन लिस्ट में है। एक सप्ताह पहले ही 8 नक्सलियों को गिरफ्तार किया था, यह बात उसने फोन पर एक सप्ताह पहले बताई थी।
पिता बोले, नक्सली आपरेशन में खामियां : रोते-रोते पिता उमाशंकर ने कहा मैने जवान बेटा खोया है। इसका बहुत दुख है। सरकार की नक्सल ऑपरेशन में कुछ तो खामियां है, जिसकी वजह से मैने अपना बेटा खो दिया। मेरे तीन बच्चे में से एक बडी बेटी और छोटा बेटा है। विनोद मेरा बड़ा बेटा था।
2013 बैच के एसआई थे शहीद विनोद कौशिक : नक्सली हमले में शहीद हुए एसआई विनोद कौशिक 2013 बैच के एसआई थे। उन्होंने पहले ही प्रयास में एसआई की परीक्षा उत्तीण कर ली थी। विनोद कौशिक की पहली पोस्टिंग बलरामपुर और फिर दो साल से नारायणपुर में तैनात थे।
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सीएमडी कॉलेज के थे छात्र : शहीद विनोद कौशिक ने कक्षा 1 से 12वीं तक की पढ़ाई अपने पैतृक ग्राम सीपत में ही की। उसके बाद सीएमडी कॉलेज में बीएससी की पढ़ाई करने लगे। पढाई के दौरान वह एबीवीपी के सक्रिय कार्यकर्ता रहे। हसमुंख और मिलनसार होने के कारण वह आसानी से हर किसी के मन में अपनी जगह बना लेते थे।
नक्सलवाद के प्रति था काफी आक्रोश : शहीद विनोद कौशिक के दोस्त शशीकांत साहू ने बताया कि वे बहादुर थे। उन्हें नक्सलवाद से काफी चिढ़ थी। वह जब भी आते तो उसे नारायणपुर में चलने वाली सारी गतिविधियों के बारे में बताते थे। एक साल पहले मुठभेड़़ में तीन नक्सली मारे थे। छह माह पहले 6 नक्सली और अभी तीन दिन पहले ही उन्होंने 8 नक्सलियो को गिरफ्तार किया था।
छात्र-छात्राएं हाथ में फूल लेकर करते रहे शव का इंतजार : छात्र-छात्राएं हाथ में फूल लेकर शहीद के शव का इंतजार करते घंटों खड़े रहे। क्षेत्र के लोगों ने ग्राम के नवाडीह चौक पर शहीद की मूर्ति, उनकी स्मृति में एक प्रवेश द्वार, शासकीय बालक हाईस्कूल का नाम उनके नाम पर रखने की मांग की। पूरे सीपत क्षेत्र के व्यापारिक प्रतिष्ठान और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे।
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