0 चलित थाना, सामुदायिक पुलिसिंग, स्कूलों में बच्चों और बच्चों के परिजनों को जागरूक करने के निर्देश
बिलासपुर. ( Bilaspur) मोबाइल पर खेले जाने वाले ऑनलाइन वीडियो गेम्स ( Mobile online Game) पब्जी (PUBG) (प्लेयर्स अननोन्स बैटल ग्राउंड्स) लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। लगातार घटनाएं बढ़े और लोगों की मौत होने पर अब पीएचक्यू (PHQ) ने इस वीडियो गेम से बड़ों और बच्चों को दूर रखने के लिए बच्चों के परिजनों को जागरूक करने का फरमान जारी किया है। स्कूल, कॉलेजों में कैंप, चलित थाना और सामुदायिक पुलिसिंग के जरिए जागरूकता अभियान चलाने के आदेश दिए गए हैं। मोबाइल पर ( Mobile online Game) इन दिनों हर व्यक्ति वीडियो गेम्स खेलने में व्यस्त है। इंटरनेट के जरिए खेले जाने वाले वीडियो गेम्स के लोग आदि हो गए हैं। इन्ही वीडियो गेम्स में एक गेम पब्जी (प्लेयर्स अननोन्स बैटल ग्राउंड्स) भी है, जिसे खेलने के लिए बच्चे और बड़ों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस खेल में 4 व्यक्ति इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन जुड़ते हैं। एक दूसरे को गेम्स में चैलेंज दियाजाता है, जिसे हर खिलाड़ी को पूरा करना पड़ता है। चैलेंज में बंदूक और तलवार से लड़ाई करने और दुश्मनों को जान से खत्म करना होता है। इस खेल को खेलने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। नशे की तरह इस गेम को बच्चे और बड़े लगातार खेलते रहे हैं।
बिलासपुर. ( Bilaspur) मोबाइल पर खेले जाने वाले ऑनलाइन वीडियो गेम्स ( Mobile online Game) पब्जी (PUBG) (प्लेयर्स अननोन्स बैटल ग्राउंड्स) लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। लगातार घटनाएं बढ़े और लोगों की मौत होने पर अब पीएचक्यू (PHQ) ने इस वीडियो गेम से बड़ों और बच्चों को दूर रखने के लिए बच्चों के परिजनों को जागरूक करने का फरमान जारी किया है। स्कूल, कॉलेजों में कैंप, चलित थाना और सामुदायिक पुलिसिंग के जरिए जागरूकता अभियान चलाने के आदेश दिए गए हैं। मोबाइल पर ( Mobile online Game) इन दिनों हर व्यक्ति वीडियो गेम्स खेलने में व्यस्त है। इंटरनेट के जरिए खेले जाने वाले वीडियो गेम्स के लोग आदि हो गए हैं। इन्ही वीडियो गेम्स में एक गेम पब्जी (प्लेयर्स अननोन्स बैटल ग्राउंड्स) भी है, जिसे खेलने के लिए बच्चे और बड़ों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस खेल में 4 व्यक्ति इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन जुड़ते हैं। एक दूसरे को गेम्स में चैलेंज दियाजाता है, जिसे हर खिलाड़ी को पूरा करना पड़ता है। चैलेंज में बंदूक और तलवार से लड़ाई करने और दुश्मनों को जान से खत्म करना होता है। इस खेल को खेलने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। नशे की तरह इस गेम को बच्चे और बड़े लगातार खेलते रहे हैं।
भावुक हो रहे लोग, कई की हो चुकी मौतें
पीएचक्यू से जारी हुए आदेश में कहा गया है कि पब्जी गेम खेलने वाले खेलते समय भावुक हो रहे हैं। साथ ही मनोरोग का भी शिकार हो रहे हैं। खेल में बंदूक चलाते समय वे उन्हें यथार्य महसूस होने लगता है। देश में इस वीडियो गेम को खेलने वाले कई लोगों की हार्ट अटैक से मौतें हो चुकी है।
पीएचक्यू से जारी हुए आदेश में कहा गया है कि पब्जी गेम खेलने वाले खेलते समय भावुक हो रहे हैं। साथ ही मनोरोग का भी शिकार हो रहे हैं। खेल में बंदूक चलाते समय वे उन्हें यथार्य महसूस होने लगता है। देश में इस वीडियो गेम को खेलने वाले कई लोगों की हार्ट अटैक से मौतें हो चुकी है।
बच्चों को दूर रखने पर दिया बल
पीएचक्यू ने आदेश में कहा है कि वीडियो गेम्स से बच्चों को दूर रखना जरूरी है। इसके लिए स्कूलों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में पब्जी गेम नहीं खेलने की हिदायत शिक्षकों द्वारा दिए जाने और कार्यक्रमों के दौरान वीडियो गेम के दुष्प्रभाव बताने कहा गया है। साथ ही सामुदायिक पुलिसिंग व चलित थाना लगाकर लोगों को बच्चों और बड़ों को गेम नही खेलने देने की हिदायत दी गई है।
पीएचक्यू ने आदेश में कहा है कि वीडियो गेम्स से बच्चों को दूर रखना जरूरी है। इसके लिए स्कूलों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में पब्जी गेम नहीं खेलने की हिदायत शिक्षकों द्वारा दिए जाने और कार्यक्रमों के दौरान वीडियो गेम के दुष्प्रभाव बताने कहा गया है। साथ ही सामुदायिक पुलिसिंग व चलित थाना लगाकर लोगों को बच्चों और बड़ों को गेम नही खेलने देने की हिदायत दी गई है।
एक्सपर्ट व्यू
साइबर एडिक्शन हैं घातक
पब्जी वीडियों गेम ही नहीं बल्की हर वह वीडियो गेम जिसमें साइबर एडिक्शन होता है वह घातक होते हैं। लगातार वीडियो गेम खेलने से लोग इसके आदि होने के साथ-साथ खेल के प्रति भावुक भी हो जाते हैं। हिंसकता या उग्रता को खेल के जरिए लोगों को परोसने से जीवन में इसके दुष्प्रभाव सामने आते हैं। साइबर एडिक्शन और नशे की प्रवृत्ति एक जैसी है। दोनों के कारण लोगों को मानसिक और शारीरिक क्षति होती है। इंटरनेट का लगातार उपयोग करने और संपर्क में रहने के कारण भी दुष्प्रभाव मानसिकता को प्रभावित करता है। इसे बंद करने के आदेश देना सही है।
डॉ. एसके नायक, मनोरोग विशेषज्ञ, सिम्स
साइबर एडिक्शन हैं घातक
पब्जी वीडियों गेम ही नहीं बल्की हर वह वीडियो गेम जिसमें साइबर एडिक्शन होता है वह घातक होते हैं। लगातार वीडियो गेम खेलने से लोग इसके आदि होने के साथ-साथ खेल के प्रति भावुक भी हो जाते हैं। हिंसकता या उग्रता को खेल के जरिए लोगों को परोसने से जीवन में इसके दुष्प्रभाव सामने आते हैं। साइबर एडिक्शन और नशे की प्रवृत्ति एक जैसी है। दोनों के कारण लोगों को मानसिक और शारीरिक क्षति होती है। इंटरनेट का लगातार उपयोग करने और संपर्क में रहने के कारण भी दुष्प्रभाव मानसिकता को प्रभावित करता है। इसे बंद करने के आदेश देना सही है।
डॉ. एसके नायक, मनोरोग विशेषज्ञ, सिम्स