जिला पंचायत जाने वाली महत्वपूर्ण सडक़ – जानकारी के लिए बता दें कि कलेक्टर कार्यालय के आसपास होने वाले आंदोलन, रणजीता स्टेडियम में आयोजित होने वाले सरकारी व राजनीतिक कार्यक्रमों के साथ हर साल होने वाले दशहरा महोत्सव के दौरान, सुरक्षा के लिहाज से पुलिस प्रशासन, ट्रेफिक को इसी गली में डायवर्ट करती है। इससे, रणजीता स्टेडियम से होकर गम्हरिया की ओर जाने वाली दो पहिया और चार पहिया वाहन, इसी सकरी गली से निकल से होकर, बस स्टेण्ड की ओर जाती है। अनुमान लगाया जा सकता है कि नगरपालिका द्वारा निर्मित, गुणवत्ताविहीन नाली, वाहन चालकों के लिए कितना घातक साबित हो सकता है।
गुणवत्ता को लेकर सवाल- नगरपालिका द्वारा निर्मित नालियों की गुणवत्ता पर पहले भी सवाल उठते रहें हैं। यहां तक कि जिला पंचायत कार्यालय के सामने पालिका द्वारा लगाई गई नाली के ढक्कन के दो पहिया वाहन चढऩे से टूटने की शिकायत हो चुकी है। शहर के दूसरे वार्डो के पार्षद भी घटिया क्वालिटी के ढक्कन लगाए जाने की शिकायत, नगरपालिका के जिम्मेदार अधिकारियों से कर चुके हैं। इन सबके बावजूद, नाली निर्माण की गुणवत्ता सुधारने के लिए नगरपालिका के सीएमओ, इंजीनियर गंभीर नजर नहीं आ रहें हैं।
भ्रष्टाचार को लेकर चर्चा में है नगरपालिका – उल्लेखनीय है कि भ्रष्टाचार को लेकर नगरपालिका इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रहा है। विशेष कर निर्माण कार्यों के निविदा कार्यो में और गुणवत्ता को लेकर, सामान्य सभा की हर बैठक में विवाद और हंगामे की स्थिति देखने को मिलती रही है। बीते दिनों, ऐसी ही शिकायतों पर कलेक्टर डा रवि मित्तल ने पांच सदस्यी जांच टीम का गठन किया था। इस टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही नगरीय प्रशासन विभाग ने जशपुर नगरपालिका की तात्कालीन सीएमओ ज्योत्सना टोप्पो के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की थी।