तत्कालीन व रिटायर्ड सहायक आयुक्त आबकारी पीसी अग्रवाल ने 12 अगस्त 2017 को पीएमओ कार्यालय से शिकायत की थी, जिसमें अग्रवाल ने जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय में पदस्थ लिपिक दिनेश दुबे द्वारा की गई काली और अर्जित संपत्ति का उल्लेख किया था। शिकायत के बाद एसीबी ने दिनेश के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।
एसीबी में मामला लंबित है। वहीं इस मामले में आबकारी उडऩदस्ता में पदस्थ रहे सहायक आयुक्त वीआर लहरे ने दिनेश के खिलाफ जांच की थी, जिसमें दिनेश द्वारा करोड़ों की काली कमाई करने की पुष्टि हुई थी। जांच रिपोर्ट वेदराम ने आयुक्त आबकारी को भेज दी है। वहीं पीएमओ से इस मामले में की गई कार्रवाई और दिनेश की संपत्ति की जानकारी मांगी गई है। कलेक्टर ने पत्र मिलने के बाद 13 जून को सहायक आयुक्त आबकारी को पत्र लिखकर जानकारी 7 दिनों के भीतर पीएमओ व कलेक्टर कार्यालय भेजने के निर्देश दिए हैं।
जांच रिपोर्ट में था ये
1.दिनेश ने एसबीआई सरकंडा ब्रांच स्थित खाते में 4 नवंबर 2016 से 29 दिसंबर 2017 के बीच 16 लाख 71 हजार रुपए जमा किए और 15 लाख 64 हजार रुपए निकाले थे। 24 जनवरी 2017 को खाते में 5 लाख रुपए जमा करने के बाद 8 फरवरी 2017 को 6 लाख 84 हजार रुपए निकाले थे।
पत्नी मिनाक्षी दुबे के कलेक्टोरेट एसबीआई शाखा स्थित खाते में 31 दिसंबर 2014 से 16 दिसंबर 2017 के बीच 5 लाख 4 हजार रुपए जमा किए थे। इसी बीच उसके खाते से 3 लाख 34 हजार रुपए निकाले गए थे। बेटे आदित्य दुबे के एसबीआई कलेक्टोरेट खाते में 19 दिसंबर 2014 से 31 दिसंबर 2017 तक 3लाख 90 हजार रुपए जमा हुए और 2 लाख 3 हजार रुपए निकाले गए। खाते में 5 से 15 हजाररुपए तक नगर जमा किए गए और 40-50 हजाररुपए तक की राशि ट्रांसफर हुए हैं।
2. दिनेश पर आबकारी विभाग के चपरासी जीआर महार के एसबीआई सरकंडा खाते में नोटबंदी के दौरान 8 नवंबर 2016 से 30 मार्च 2017 तक 5 लख 15 हजार रुपए जमा किए और 5 लाख 51 हजार रुपए निकाले थे। 13 नवंबर को दिनेश ने 1 लाख व 18 नवंबर 2016 को 2 लाख 30 हजार रुपए जमा किए थे। चपरासी हीरालाल के एसबीआई सरकंडा ब्रांच में 9 नवंबर 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच 1 लाख 51 हजार रुपए जमा किए और 1 लाख 54 हजार रुपए निकले थे। नोटबंदी के दौरान 15 नवंबर 2016 को 53000 हजार रुपए व 24 नवंबर 2016 को 48500 रुपए जमा किए गए थे। चपरासी संतोष कुमार के खाते में दिनेश ने 40 हजार रुपए और नरेश कुमार के खाते में 2 लाख रुपए जमा कराए थे।
3. कुदुदंड में आलीशान मकान, गंगानगर में दो मंजिला मकान, भारतीय नगर में मकान, व्यापार विहार में मकान, चकरभाठा के ग्राम चिचिरदा में दो फार्म हाउस और मस्तूरी के ग्राम पाराघाट गृहग्राम में खेत । सभी संपत्तियां नौकरी लगने के बाद दिनेश ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर खरीदी।
पीएमओ से मांगी गई जानकारी भेजने कलेक्टर(Collector) से पत्र मिला है। लिपिक दिनेश दुबे के खिलाफ की गई कार्रवाई व अन्य जानकारियां भेजी जा रही हैं।
विजय सेन शर्मा, सहायक आयुक्त, आबकारी(Assistant commissioner, excise)