बिलासपुर

पुलिस परिवार अब कांग्रेस सरकार के खिलाफ करेगी आंदोलन, यह है प्रमुख वजह, पढ़ें पूरी खबर

21 जून को बर्खास्त आरक्षक रोहिणी लोनिया और राकेश यादव को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया गया था।

बिलासपुरFeb 13, 2019 / 01:58 pm

Amil Shrivas

पुलिस परिवार अब कांग्रेस सरकार के खिलाफ करेगी आंदोलन, यह है प्रमुख वजह, पढ़ें पूरी खबर

बिलासपुर. विधानसभा चुनाव से पूर्व जून 2018 में प्रदेश के पुलिस परिवारों ने 13 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन किया था। बिलासपुर जिला समेत प्रदेश के कई जिलों में आंदोलन करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ राजद्रोह के मामले दर्ज हुए थे। चुनाव के बाद कांग्रेस सरकार में भी मांगे पूरी नहीं होने पर पुलिस परिवार ने फिर से आंदोलन की चेतावनी दी है। डीआईजी इंटेलीजेंस ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों, पुलिस अधीक्षक रेल और सभी बटालियन कमांडेंट को आदेश जारी कर अलर्ट रहने के आदेश दिए हैं। पुलिस विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को मिलने वाले न्यूनतम भत्ते और असुविधाओं दूर करने के लिए पुलिस परिवार ने जून 2018 में आंदोलन किया था। 13 सूत्रीय मांगो को लेकर प्रदेश के पुलिस परिवारों ने सड़क पर उतर कर आंदोलन की चेतावनी दी थी। आंदोलन को दबाने के लिए तत्कालीन डीजीपी एएन उपाध्याय ने सभी पुलिस अधीक्षकों को आदेश दिए थे।
प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस आधीक्षकों ने आंदोलन करने वाले परिवार के सदस्यों को आंदोलन से रोकने का भरसक प्रयास किया था। पुलिस अधिकारियों ने आंदोलन करने वाले परिवारों को पुलिस रेग्युलेशन और मैनुअल का हवाला देते हुए आंदोलन नहीं करने की समझाइश दी थी। इसके बाद भी पुलिस परिवार के सदस्य 22 जून 2018 को आमसभा और रैली निकाल कर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौपने की घोषणा की थी। जिले के तत्कालीन एसपी आरिफ एच शेख ने आंदोलन कारियों को रोकने के लिए गिरफ्तार करने के आदेश जारी किए थे। स्थानीय कोन्हेर गार्डन से पुलिस कर्मियों के परिवार के सदस्यों को हिरासत में लिया था। एसपी के आदेश पर बर्खास्त आरक्षक व पुलिस परिवार आंदोलन के सूत्रधार राकेश यादव के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था। राकेश का साथ देने वाले जिले के आरक्षक रोहिणी लोनिया के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था। 21 जून को बर्खास्त आरक्षक रोहिणी लोनिया और राकेश यादव को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया गया था।

सोशल मीडिया में आरक्षक की एक पोस्ट से सकते में आए अधिकारी, दिए गए हैं व्यवस्था संभालने के आदेश : पुलिस परिवार आंदोलन की मांगे पूरी नहीं होने पर प्रदेश के आरक्षक एस संतोष कुमार ने कुछ दिनों पूर्व सोशल मीडिया पर लोकसभा चुनाव के पूर्व फिर से आंदोलन का प्रचार प्रसार शुरू कर दिया है। आरक्षक की पोस्ट ने प्रदेश के पुलिस महकमे की नींद उड़ा दी है। डीआईजी इंटेलीजेंस ने अधिकारियों को जारी किए गए आदेश में कहा है कि पुलिस परिवार आंदोलन की सभी जानकारियां गुप्त से से जुटाई जाएं, पुलिस कर्मियों पर सतत निगरानी रखें। आंदोलन के दौरान अप्रिया स्थिति निर्मित नहीं होने के लिए समुचित व्यवस्था की जाए।

पीएचक्यू की नई व्यवस्था से नाखुश हैं पुलिस परिवार के सदस्य : प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2018 में बनी कांग्रेस सरकार ने पुलिस परिवार के सदस्यों की समस्याएं दूर करने के लिए पीएचक्यू के आला अधिकारियों को व्यवस्था करने के आदेश दिए थे। डीआईजी नेहा चंपावत ने पुलिस परिवार की समस्याएं दूर करने के लिए 17 बिन्दुओं पर पुलिस अधीक्षकों से अभिमत मांगा था, जिसमें पुलिस परिवार के भत्ते और अन्य सुविधाएं शामिल थी। पीएचक्यू के आदेश से पुलिस परिवार नाखुश हैं और फिर से आंदोलन करने की तैयारी में हैं।
रायपुर में बनाया कंट्रोल रूम : डीआईजी इंटेलीजेंस ने आदेश में अधिकारियों को बताया है कि पुलिस परिवार आंदोलन के मद्देनजर प्रदेश में होने वाली हर गतिविधियों की जानकारी के लिए रायपुर में कंट्रोल रूम बनाया गया है। पुलिस अधीक्षकों, बटालियन कमांडेंट और रेल एसपी को पुलिस परिवार आंदोलन के मद्देनजर सारी जानकारियां लेकर तत्काल रायपुर कंट्रोल रूम और प्रदेश के पुलिस अधिकारियों को देने के आदेश दिए हैं।
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