पूजा आइटम के खुल रहे एक्सक्लूसिव स्टोर्स पूजा आइटम्स की बिक्री अब घरों से लेकर दफ्तरों तक कराए जाने वाले पूजा-विधान और इनकी विधिवत करवाने की परंपराओं से बढ़ रही है। अब सामान्य कथा, पूजा भी लोग पूरी विधि से करवाते हैं। इसमें बहुत अधिक तरह का सामान लगता है। आमतौर पर किराना सामग्री की दुकान पर यह सामान मिल जाता था, लेकिन विधि-विधान से हो तो इसके लिए एक्सक्लूसिव स्टोर्स की जरूरत पड़ती है। इसे देखते हुए कई शहरों में ऐसे स्टोर्स खुल रहे हैं, जहां पूजा करवाने वाले पंडित से लेकर पूरी सामग्री व विधि का साहित्य उपलब्ध होता है।
सांस्कृतिक गौरववाद ने बढ़ाई पांरपरिक आस्था व पद्धतियां कोरोना से पहले से ही पूजा के आइटम्स का बाजार ग्रोथ पर था, लेकिन कोरोना ने इसे पंख लगा दिए। लॉकडाउन में चौपट हुई सेल्स फिर एकदम से चढ़ी। इसे एक तरफ जहां भय से उपजी बाजार की मांग बताया जा रहा है तो वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी धार्मिक जागरूकता और सांस्कृतिक गौरववाद का असर भी माना जा रहा है। समाजशास्त्री उमाशरण कहते हैं इसके पीछे लोगों की अपने-अपने धर्मों के प्रति बढ़ी जागरूकता है। इसे सिर्फ भय का बाजार नहीं कहा जाना चाहिए। वहीं अर्थशास्त्री हनुमंत सिंह इसे सामान्य गति से बढ़ने वाले बाजार की तरह देखते हैं।
सहायक पूजा आइटम्स भी खूब बिक रहे सहायक पूजा आइटम्स में शंख जैसे प्रतीक चिन्ह, चित्र, कथा पुस्तकें, धार्मिक प्रतीक व अन्य चीजें आती हैं। इनकी मांग भी कोरोना के बाद से बहुत अधिक बढ़ रही है।
एक्सपोर्ट में भारत नंबर-1 पूजा सामग्री को निर्यात करने में भारत नंबर-1 पर है। भारत से सबसे ज्यादा निर्यात अमेरिका के पोर्ट लुइस को माल जाता है। दूसरे नंबर पर पोर्ट केलॉन्ग, तीसरे नंबर पर न्यूयॉर्क है और चौथे नंबर टोरंटो और पांचवे नंबर स्पैन है। इन देशों में भारत में बने पूजा आइटम्स की सबसे ज्यादा मांग रहती है। भारत के परपटगंज पोर्ट से लगभग 65 फीसद पूजा आइटम्स लोड होते हैं। जबकि न्हाशेवा, चेन्नई, तुगलकाबाद से भी बड़ी मात्रा में माल बाहर भेजा जाता है। विदेशों में आयात करने वाली 2115 कंपनियां पंजीकृत हैं, जबकि भेजने वाली 1352 कंपनियां हैं।
वर्जन अगरबत्ती का बाजार पूजा सामग्री के बाजार की रीढ़ है। सहायक सामग्री में भी अच्छी ग्रोथ देखी जा रही है। इसके अलावा एक्सक्लूसिव पहनावे, प्रतीक धारण करने वाले आइटम्स की भी अच्छी मांग है।
– अथर्व वैद्य, अथर्व पूजा सामग्री स्टोर