बिलासपुर। आंकड़ों पर गौर करें तो स्थिति चिंताजनक है। नेशनल अपराध रिकार्ड ब्यूरो का डेटा देखा जाए तो वर्ष 2019 में प्रदेश की 2109 महिलाओं ने आत्महत्या कर ली इसमें गृहणियों की संख्या 854 थी जबकि वर्ष 2020 में महिलाओं की आत्महत्या के केस बढ़े और 2242 का आंकड़ा पहुंच गया। इसमें हाउस वाइफ की संख्या 1066 थी। अब यदि इन दो वर्षों में नेशनल रैंकिंग की बात करें तो महिलाओं की आत्महत्या मामले में वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ आठवें नंबर पर था। जबकि 2020 में यह एक पायदान और ऊपर गया यानि सातवें नंबर पर। वहीं हाउस वाइफ की आत्महत्या मामले में ऑल इंडिया की रेंकिंग को देखें तो छत्तीसढ़ वर्ष 2019 में आठवें नंबर पर है तो वर्ष 2020में यह सातवें नंबर पर आ गया है।
मुख्य कारण पारिवारिक समस्या
महिलाओं की आत्महत्या का मामला इस वर्ष लोकसभा में भी उठा है। सांसद मोहम्मद फैजल के सवाल के जवाब में महिला बाल विकास मंत्री स्मृति जूबीन इरानी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि देश में महिलाओं की आत्महत्या का प्रमुख कारण पारिवारिक समस्या और बीमारी है।
पश्चिम बंगाल और मध्यप्रदेश नंबर वन
महिलाओं की आत्महत्या के मामले में वर्ष 2019 और 2020 दोनों में पश्चिम बंगाल पहले स्थान पर है। जबकि गृहणियों की आत्महत्या मामले में वर्ष 2019 और 2020 में मध्यप्रदेश पहले स्थान पर है। पश्चिम बंगाल में वर्ष 2019 में 4896 महिलाओं ने आत्महत्या की। जबकि 2020 में 5136 ने अपनी जान दे दी। वहीं वर्ष 2019 में मध्यप्रदेश में 2938 हाउसवाइफ ने अपनी जान दे दी जबकि वर्ष 2020 में 3185 गृहणियों ने अपनी जान दे दी।
शराब कलह का प्रमुख कारण
इस विषय में सामाजिक कार्यकर्ता और समाज शास्त्री खुलकर मानते हैं कि शराब के कारण पारिवारिक कलह, प्रताडऩा जैसी स्थितियों से गृहणियों को दो चार होना पड़ता है इसके कारण वो जान देने पर उतारू हो रही हैं। जबकि इसी विषय में कुछ शासकीय महिला अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने दबी जुबान में स्वीकार किया कि शराब भी प्रमुख वजह है, पर खुलकर बोलने से मना कर गईं।
महिला आत्महत्या: छत्तीसगढ़ सातवें नंबर पर
राज्य आत्महत्या
पश्चिम बंगाल 10032
तमिलनाडु 9525
मध्य प्रदेश 9263
महाराष्ट्र 8960
कर्नाटक 5940
गुजरात 5028
छत्तीसगढ़ 4351
(आंकड़े वर्ष 2019 व 2020 के संयुक्त रूप से) ----------------------------- गृहणियों की आत्महत्या: इसमें भी छत्तीसगढ़ आठ पर
राज्य आत्महत्या
मध्यप्रदेश 6123
महाराष्ट्र 5307
तमिलनाडु 4584
पश्चिम बंगाल 3940
कनार्टक 3513
गुजरात 3415
उत्तरप्रदेश 2479
छत्तीसगढ़ 1920
(आंकड़े वर्ष 2019 व 2020 के संयुक्त रूप से)
राज्य आत्महत्या
पश्चिम बंगाल 10032
तमिलनाडु 9525
मध्य प्रदेश 9263
महाराष्ट्र 8960
कर्नाटक 5940
गुजरात 5028
छत्तीसगढ़ 4351
(आंकड़े वर्ष 2019 व 2020 के संयुक्त रूप से) ----------------------------- गृहणियों की आत्महत्या: इसमें भी छत्तीसगढ़ आठ पर
राज्य आत्महत्या
मध्यप्रदेश 6123
महाराष्ट्र 5307
तमिलनाडु 4584
पश्चिम बंगाल 3940
कनार्टक 3513
गुजरात 3415
उत्तरप्रदेश 2479
छत्तीसगढ़ 1920
(आंकड़े वर्ष 2019 व 2020 के संयुक्त रूप से)
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
बात करने बनेगी बात
महिलाओं द्वारा पारिवारिक कलह के चलते आत्म हत्या के मामले में शराब भी एक कारण हो सकता है। महिला संबंधी अपराध में कमी लाने के लिए हर थानों में महिला डेस्क के साथ ही सखी सेंटर, संवेदना व रक्षा सेल भी काम कर रहा है। बहुत से ऐजीओ भी है जो महिलाओं के हित में काम कर रहे है। अगर कलह होने से महिलाए परेशान हो रही है तो थानों में जा सकती है। उनकी काउंसिलंग होगी। आत्म हत्या करना समस्या का हल नहीं हो सकता। बात करने से बात बनेगी। महिलाओं की समस्या का समाधान होगा।
पारुल माथुर, उप पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर
बात करने बनेगी बात
महिलाओं द्वारा पारिवारिक कलह के चलते आत्म हत्या के मामले में शराब भी एक कारण हो सकता है। महिला संबंधी अपराध में कमी लाने के लिए हर थानों में महिला डेस्क के साथ ही सखी सेंटर, संवेदना व रक्षा सेल भी काम कर रहा है। बहुत से ऐजीओ भी है जो महिलाओं के हित में काम कर रहे है। अगर कलह होने से महिलाए परेशान हो रही है तो थानों में जा सकती है। उनकी काउंसिलंग होगी। आत्म हत्या करना समस्या का हल नहीं हो सकता। बात करने से बात बनेगी। महिलाओं की समस्या का समाधान होगा।
पारुल माथुर, उप पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर
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निश्चित रूप से शराब घरेलू हिंसा व परिवारिक तनाव को बढ़ाने में मुख्य कारक है इस पर नियंत्रण लगा कर इस समस्या को रोका जा सकता है। गृहणी महिलाओं की आत्महत्या के बढऩे का प्रमुख कारण घरेलू हिंसा और परिवारिक तनाव है । घरेलू हिंसा और परिवारिक तनाव को रोकने के लिए स्वस्थ परिवारिक जीवन व वातावरण का होना आवश्यक है।
निश्चित रूप से शराब घरेलू हिंसा व परिवारिक तनाव को बढ़ाने में मुख्य कारक है इस पर नियंत्रण लगा कर इस समस्या को रोका जा सकता है। गृहणी महिलाओं की आत्महत्या के बढऩे का प्रमुख कारण घरेलू हिंसा और परिवारिक तनाव है । घरेलू हिंसा और परिवारिक तनाव को रोकने के लिए स्वस्थ परिवारिक जीवन व वातावरण का होना आवश्यक है।
प्रोफेसर हर्ष पांडेय
अटल बिहारी वाजपेई विश्व विद्यालय बिलासपुर -------------------------
ये गंभीर विषय है, अभी जहां से मैं आपसे बात कर रही हूं, उस घर की स्थिति यह है कि महिला दिन भर काम करती है, पति शराब के नशे में डूबा रहता है। महिला गाय पालती है पति दूध बेचने जाता है और उस पैसे से शराब पीकर घर आता है विवाद होता है महिला की पिटाई भी करता है। ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति यह है कि महिलाएं खेत में जा रही हैं पति नशे में है। महिलाओं खासकर ग्रामीण क्षेत्र में गृहणियों की स्थति खराब है। आर्थिक समस्या है, घर-परिवार बच्चों की जिम्मेदारी है ऐसे में अवसाद में आना स्वाभाविक है। शहरी क्षेत्र की बात करें तो महिलाएं घर से बाहर काम करने निकलती हैं, जब घर आती हैं तो पति शक करता है यह भी अवसाद और उनके मन से टूटने की बड़ी वजह है।
सविता रथ, सामाजिक कार्यकर्ता, रायगढ़
अटल बिहारी वाजपेई विश्व विद्यालय बिलासपुर -------------------------
ये गंभीर विषय है, अभी जहां से मैं आपसे बात कर रही हूं, उस घर की स्थिति यह है कि महिला दिन भर काम करती है, पति शराब के नशे में डूबा रहता है। महिला गाय पालती है पति दूध बेचने जाता है और उस पैसे से शराब पीकर घर आता है विवाद होता है महिला की पिटाई भी करता है। ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति यह है कि महिलाएं खेत में जा रही हैं पति नशे में है। महिलाओं खासकर ग्रामीण क्षेत्र में गृहणियों की स्थति खराब है। आर्थिक समस्या है, घर-परिवार बच्चों की जिम्मेदारी है ऐसे में अवसाद में आना स्वाभाविक है। शहरी क्षेत्र की बात करें तो महिलाएं घर से बाहर काम करने निकलती हैं, जब घर आती हैं तो पति शक करता है यह भी अवसाद और उनके मन से टूटने की बड़ी वजह है।
सविता रथ, सामाजिक कार्यकर्ता, रायगढ़