जिले के बिल्हा विकासखंड सबसे बड़ा विकासखंड है। बिल्हा क्षेत्र भू-गर्भ जल स्त्रोत के मामले में ड्राई जोन माना जाता है। इस क्षेत्र के अधिकांश गांवों में ६ सौ फीट की गहराई तक नलकूप खनन कराने में भी पानी नहीं निकल पाता है। इससे लगभग सौ गांवों में पेयजल एवं सिंचाई के लिए पानी का संकट बरकरार रहता है। वहां तालाबों के ग्रीष्मकाल में सूख जाने पर निस्तारी के लिए ग्रामीणों को पानी की समस्या झेलनी पड़ती है।
संगम स्थल मटियारी-बेलटुकरी से योजना
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने अरपा नदी और शिवनाथ नदी के संगम स्थल मटियारी -बेलटुकरी में सूखाग्रस्त गांवों तक पानी पहुंचाने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रहीं है। इस योजना का नाम फिलहाल चर्तुभुज ग्रुप वॉटर स्कीम रखा गया है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने अरपा नदी और शिवनाथ नदी के संगम स्थल मटियारी -बेलटुकरी में सूखाग्रस्त गांवों तक पानी पहुंचाने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रहीं है। इस योजना का नाम फिलहाल चर्तुभुज ग्रुप वॉटर स्कीम रखा गया है।
चर्तुभुज नामकरण की ये मंशा पीएचई ने इस कार्ययोजना को चर्तुभुज नामकरण किया गया है। इसका उद्देश्य है कि बिल्हा के दक्षिण इलाके की चारों दिशाओं में लगभग ४५ गांवों का समूह बनाकर हर गांवों में पानी पहुंचाने की योजना है। इस ग्रुप के चारों दिशाओं में ग्रामीणों को पानी मिल सकेगा ,एेसी योजना है इसी वजह से इसका नामकरण चर्तुभुज रखा गया है। शासन को यह प्रस्ताव भेजा जाएगा। वहां से अंतिम निर्णय के बाद योजना को मूर्तरूप दिया जाएगा।
योजना बनाने की तैयारी
बिल्हा विकासखंड के दक्षिण हिस्से के अनेक गांव ड्राई जोन है। इन गांवों में पेयजल संकट को दूर करने अरपा-शिवनाथ नदी के संगम से पाइप लाइन के माध्यम से पानी पहुंचाने की योजना है। फिलहाल इस योजना का प्रारंभिक नामकरण चर्तुभुज ग्रुप वॉटर स्कीम दिया गया है।
बिल्हा विकासखंड के दक्षिण हिस्से के अनेक गांव ड्राई जोन है। इन गांवों में पेयजल संकट को दूर करने अरपा-शिवनाथ नदी के संगम से पाइप लाइन के माध्यम से पानी पहुंचाने की योजना है। फिलहाल इस योजना का प्रारंभिक नामकरण चर्तुभुज ग्रुप वॉटर स्कीम दिया गया है।
पीएस कतलम,ईई,पीएचई,बिलासपुर