महापौर चुनाव के लिए आरक्षण लागू होने के बाद नगरीय निकाय चुनाव की सरगर्मी बढ़ गई है। जिले के प्रभारी मंत्री का चुनावी दौरा शुरू हो गया है। कार्यकर्ताओं को सख्त नसीहत भी जारी कर दिए गए हैं। संगठन के आला नेताओं के साथ गुफ्तगूं भी हो चुकी है। पर अभी तक पार्टी ये तय नहीं कर पाई है कि नगर निगम चुनाव को किस पैटर्न पर लड़ा जाए। कांग्रेस संगठन के नेताओं का कहना है कि विधानसभा लोकसभा चुनाव के पहले ब्लाक और जिले के लिए आदेश मिला था। उस हिसाब से काम किया गया लेकिन नगर निगम चुनाव के लिए अभी तक कोई आदेश नहीं मिला है। संगठन के नेताओं का कहना है कि हो सकता है 27 सितम्बर को पार्षदों के आरक्षण के बाद कुछ दिशा निर्देश मिल सकता है।
ये हुआ था विधान सभा चुनाव में
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ताओं ने जमकर मेहनत किया जिसका नतीजा प्रदेश में 68 सीट मिला। विधानसभा में चुनाव करीब आते ही बूथ लेबल पर मीटिंग, ब्लाक स्तर कार्यकर्ता सम्मेलन, जिलेवार संगठन के कार्यकर्ताओं से साथ बैठक के अलावा प्रत्याशी तय करने के लिए केंद्रीय टीम भेजी गई थी।
ये हुआ था लोक सभा में
लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। न ही सर्वे कराया गया। सीधे प्रत्याशी का चयन किया गया प्रभारी मंत्री द्वारा हर विधानसभा में कार्यकर्ता सम्मेलन कराने की बात कही गई लेकिन कोटा और तखतपुर विधानसभा के बाद संकल्प शिविर तक नहीं कराया गया।
नगरीय निकाय चुनाव के लिए अभी तक संगठन से कोई आदेश नहीं आया है हो सकता है 27 सितम्बर को पार्षदों के आरक्षण के बाद कुछ आदेश आ सकता है।
विजय केशरवानी जिलाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी