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राष्ट्रपति ने डबल गोल्ड मेडलिस्ट क्वीनी को नया नाम दिया, क्वीन सुनकर खुशी से झूम उठी छात्रा

locationबिलासपुरPublished: Mar 02, 2020 07:48:27 pm

Submitted by:

Murari Soni

President ramnath kovind: राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने न केवल अपने भाषण में उसका जिक्र किया बल्कि उसका नया नाम भी रख दिया।

राष्ट्रपति ने डबल गोल्ड मेडलिस्ट क्वीनी को नया नाम दिया, क्वीन सुनकर खुशी से झूम उठी छात्रा

राष्ट्रपति ने डबल गोल्ड मेडलिस्ट क्वीनी को नया नाम दिया, क्वीन सुनकर खुशी से झूम उठी छात्रा

बिलासपुर. गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में दो गोल्ड मैडल हासिल करने वाली क्वीनी यादव की खुशी तब दुगुनी हो गई, जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने न केवल अपने भाषण में उसका जिक्र किया बल्कि उसका नया नाम भी रख दिया। कोरबा की क्वीनी यादव एकमात्र ऐसी भाग्यशाली छात्रा थीं जिसे दीक्षांत समारोह में दो गोल्ड मैडल हासिल हुए। उन्हें स्कूल ऑफ मेथमेटिक्स की बीएस-सी ऑनर्स में गुरु घासीदास विशेष पदक तथा विद्यापीठ स्वर्ण मंडित पदक से राष्ट्रपति के हाथों से सम्मानित किया गया।
दरअसल, दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि जिन नौ लोगों को राष्ट्रपति ने पदकों से सम्मानित किया है उनमें बेटियों की संख्या सबसे अधिक 6 हैं। इनमें अनुसूचित जाति तथा पिछड़ा वर्ग के छात्र भी हैं। राष्ट्रपति कोविन्द को उद्बोधन देने की बारी आई तो उन्होंने कहा बघेल की यह बात सही है कि पदक प्राप्त करने वालों की संख्या 9 हैं, जिनमें बेटियां 6 हैं। पर कुल पदकों की संख्या 10 है और पदकों की संख्या सात है क्योंकि क्वीनी यादव ने दो पदक हासिल किये हैं। छात्रा को बधाई देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इस छात्रा का नाम उसके माता-पिता ने कुमारी क्वीनी रखा है, परंतु उसने अपने श्रेष्ठ क्षमता प्रदर्शन से दो गोल्ड मेडल जीतकर अपने नाम को चरितार्थ करते हुए क्वीन का दर्जा पा लिया है। राष्ट्रपति के कुमारी क्वीनी को क्वीन संबोधन पर कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने तालियों की गडगड़ाह से उसका उत्साहवर्धन किया। राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के परिणामों और मेडल प्राप्त करने में बेटियों की संख्या को देखते हुए यह भरोसा होता है कि बेटियां भी अवसर मिलने पर अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकती हैं।
क्वीनी ने बाद में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राष्ट्रपति के उद्बोधन में अपना नाम सुनकर वह खुशी से फूले नहीं समा रही है। मेरे लिये अचंभित कर देने वाला अनुभव है। क्वीनी इस समय यूपीएससी की तैयारी कर रही है। क्वीनी के पिता अरूण यादव स्वयं इंजीनियर हैं और कुसमुण्डा (कोरबा) में जय भोले शंकर हार्डवेयर नाम की दुकान चलाते हैं। क्वीनी की मां उषा यादव एक स्कूल में शिक्षिका हैं।
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