जनपद उपाध्यक्ष एवं युवा कांग्रेस उपाध्यक्ष ने खोला था मोर्चा,जनपद उपाध्यक्ष एवं युवा कांग्रेस उपाध्यक्ष ने खोला था मोर्चा,जनपद उपाध्यक्ष एवं युवा कांग्रेस उपाध्यक्ष ने खोला था मोर्चा
बिलासपुर/सकरी. बहतराई स्कूल में आर्थिक अनियमितता व नियम विरुद्ध काम को लेकर हुई शिकायत के साल भर बाद आखिरकार दोषी प्राचार्य व शिक्षकों पर कार्रवाई हुई। इस मामले को पत्रिका ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। खबर का असर ही था, जो मामले को संज्ञान में लेकर जांच शुरू की गई और अंतत: दोषियों पर कार्रवाई हुई। मामला तखतपुर विकासखंड के बहतराई हाई स्कूल का है। यहां विगत वर्ष जनपद पंचायत उपाध्यक्ष दिव्या नितेश मिश्रा ने 13 अप्रैल को विद्यालय का निरीक्षण किया था। इस दौरान दौरान उन्हें भारी अनियमितता मिली थी। इसमें स्कूल के फर्नीचर को बिना अनुमति निजी कोचिंग संचालक को देने, बच्चों से अधिक फीस वसूली ,विद्यालय को प्रदाय कंप्यूटर न मिलने सहित अन्य बाते शामिल थीं। इसकी शिकायत जनपद उपाध्यक्ष ने डीईओ, बीईओ से की थी। यूथ कांग्रेस के तखतपुर विधानसभा उपाध्यक्ष राहुल दुबे ने भी इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की थी। एक साल तक जांच चलती रही। जांच में सभी आरोप सही साबित हए और 2 जून को बहतराई की तत्कालीन प्राचार्य निशा तिवारी, व्याख्याता जितेंद्र कुमार ध्रुव , व्याख्याता एल.बी. अल्का सिंह को स्कूल शिक्षा विभाग ने निलंबित किया। विवादित रहीें निलंबित प्राचार्य व व्याख्याता स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निलंबित प्राचार्या निशा तिवारी शुरू से विवादित रही हैं। ये लगातार 11 वर्ष से बहतराई विद्यालय में ही पदस्थ रहीं। इनका सहकर्मियों के साथ विवाद भी चर्चा का विषय रहा। लगातार मनमानीपूर्वक कार्य करने व कुछ व्याख्याताओं को सह देकर स्वेछाचारिता करने का भी आरोप इन पर लगता रहा है। इसी तरह व्याख्याता अल्का सिंह पर इन्हीं के महिला सहकर्मी ने मानसिक प्रताडऩा का आरोप लगाकर पिछड़ा वर्ग आयोग तक में इसकी शिकायत की थी। जिस पर जांच बाद कार्रवाई की अनुशंसा भी आयोग ने की थी, लेकिन रसूख के चलते अल्का सिंह पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जितेंद्र कुमार ध्रुव पर भी महिला सहकर्मियों ने विवाद करने का आरोप लगाते हए इसकी शिकायत की थी।