जज, वकील या उनके परिजन के निधन पर कोर्ट में अवकाश के विरुद्ध जनहित याचिका खारिज
बिलासपुरPublished: Jul 27, 2023 10:48:47 pm
बिलासपुर। जजों , वकीलों व उनके परिजनों के निधन पर अदालतों में कामकाज बंद होने का आरोप लगाकर दायर दो जनहित याचिकाएं हाईकोर्ट ने अंतिम सुनवाई के बाद खारिज कर दीं। डिवीजन बेंच ने माना कि, ऐसी परिस्थिति में अत्यावश्यक मामलों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था होती है। इस वजह से किसी की व्यक्तिगत शिकायत जनहित का मुद्दा नहीं है,इस मामले में हाईकोर्ट ने स्वयं संज्ञान लिया था।


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वर्ष 2018 में 16 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के निधन पर तत्कालीन राज्यपाल बलरामदास टंडन ने छत्तीसगढ़ में अवकाश घोषित कर दिया था। इसके बाद अगले दिन किसान मजदूर संघ के नेता ललित चन्द्र्नाहू का कोई अदालती काम सिविल कोर्ट में नहीं हो सका। मालूम हुआ कि, किसी अधिवक्ता का निधन हो जाने के कारण सुनवाई नहीं होगी। उन्होंने हाईकोर्ट में लिखित शिकायत की। इसी तरह छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा ने भी एक पत्र याचिका दायर की। इन दोनों पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया। मामले में काफी समय से सुनवाई चल रही थी। गुरुवार को चीफ जस्टिस की डीबी में अंतिम सुनवाई हुई। हाईकोर्ट बार एसोसियेशन के अधिवक्ता सुदीप जौहरी ने अदालत को बताया कि,जब इस तरह की कोई घटना वकीलों या परिजनों के साथ हो जाती है , तो अदालत मामले को आगे बढा देता है। हालांकि तत्काल सुने जाने वाले जरूरी मामलों की सुनवाई बिलकुल प्रभावित नहीं होती। सुप्रीम कोर्ट के भी इस बारे में पहले से दिशानिर्देश हैं।